असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जानबूझकर देश के ओबीसी समुदाय को अपमानित किया है. शनिवार को गुवाहाटी में पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा, "कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में एक चुनावी भाषण के दौरान जानबूझकर ओबीसी समुदाय को अपमानित किया. उन्हें समुदाय से माफी मांगनी चाहिए, लेकिन उन्होंने अपने बयान के लिए समुदाय से माफी नहीं मांगी, जो एक नेता के अहंकार को दर्शाता है.
सरमा ने कहा, "राहुल गांधी को भारत सरकार ने दोषी नहीं ठहराया है. उन्हें एक समुदाय के खिलाफ असंसदीय भाषण के लिए कानून की अदालत ने दोषी ठहराया. अपने भाषण में उन्होंने (राहुल गांधी) ओबीसी समुदाय के खिलाफ असंसदीय, मानहानि करने वाले शब्द का इस्तेमाल किया. उनके बयान के लिए कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया है."
हर किसी से हो सकती है गलतियां : बिस्वा
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "उन्हें (राहुल गांधी को) बयान के बाद माफी मांगनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. गलतियां हर किसी से हो सकती हैं. कभी-कभी जुबान फिसलने से हमसे भी गलती हो जाती हैं, लेकिन तुरंत माफी मांग लेते हैं. पांच साल की लंबी न्यायपालिका प्रक्रिया के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया है."
कर्मो का फल मिलता है : बिस्वा
असम के मुख्यमंत्री ने कहा, "मैं हिंदू दर्शन में विश्वास करता हूं, जो कहता है कि 'आपको अपने कर्मों का फल मिलता है'. राहुल गांधी ने 2013 में अध्यादेश फाड़ दिया था. अब वह भारत जोड़ो यात्रा कर सकते हैं, लेकिन संसद नहीं जा सकते."
मानहानि मामले में सजा
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2019 में 'मोदी' उपनाम को लेकर की गई टिप्पणी के लिए मानहानि के मामले में दो साल की सजा सुनाई गई है. इसके एक दिन बाद शुक्रवार को उनकी लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया गया. शुक्रवार सुबह राहुल गांधी के लोकसभा में आने के कुछ घंटे बाद ही यह अधिसूचना जारी की गई.
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