अब अधिकारियों को नहीं मिलेगी मुफ्त बिजली, असम CM ने खत्म किया ‘VIP कल्चर’

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी आधिकारिक परिसरों में सौर पैनल लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत राज्य भर के मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालयों से होगी.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 जुलाई से हर कोई अपना बिल का भुगतान खुद करेगा. 
नई दिल्ली:

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अपने राज्य में बिजली भुगतान के 'वीआईपी कल्चर ' को समाप्त करने की घोषणा की है. अगले महीने से, मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव सहित असम सरकार के अधिकारी अपने बिजली बिलों का भुगतान खुद से करेंगे. दरअसल वीआईपी कल्चर के तहत इन सभी को बिजली के भुगतान से छूट मिल रखी थी. लेकिन हिमंत बिस्वा सरमा ने अब इस छूट को खत्म करने का फैसला लिया है. असम के मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट कर इसकी जानकारी दी.

मुख्यमंत्री ने लिखा, "हम करदाताओं के पैसे से सरकारी अधिकारियों के बिजली बिलों का भुगतान करने के #VIPCulture नियम को समाप्त कर रहे हैं. मैं और मुख्य सचिव एक उदाहरण स्थापित करेंगे और 1 जुलाई से अपने बिजली बिलों का भुगतान करना शुरू करेंगे." उन्होंने आगे लिखा जुलाई 2024 से सभी अधिकारियों को अपनी बिजली खपत का भुगतान स्वयं करना होगा.

Advertisement

इस पोस्ट के साथ उन्होंने एक वीडियो भी पोस्ट की. जिसमें वो कहते हुए नजर आए कि हमने पाया कि हमारे मंत्रियों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के आवासों या सचिवालय के आवासों के बिजली बिल का भुगतान सरकार द्वारा किया जा रहा है.  यह 75 साल की विरासत है, कोई नई व्यवस्था नहीं है, इतने लंबे समय से बिजली का बिल राज्य सरकार द्वारा भरा जा रहा था. हमने इसे खत्म करने का फैसला लिया है. 1 जुलाई से हर कोई अपना बिल का भुगतान खुद करेगा. 

Advertisement

असम सचिवालय बना पहला पर्यावरण अनुकूल मुख्यालय

असम सचिवालय रविवार को अपने परिसर में 2.5 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना के उद्घाटन के साथ भारत में किसी राज्य सरकार का पहला हरित मुख्यालय (पर्यावरण अनुकूल) बन गया. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह जानकारी दी. उन्होंने यहां एक आधिकारिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि 12.5 करोड़ रुपये की लागत से स्थापित ग्रिड से जुड़े और छत पर लगे इस सौर ऊर्जा संयंत्र की वजह से हर महीने 30 लाख रुपये के बिजली बिल की बचत होगी.

Advertisement

हिमंत विश्व शर्मा ने कार्यक्रम के बाद सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'आज हमने ‘नेट-जीरो' सरकार बनने के अपने लक्ष्य में एक बड़ी छलांग लगाई है, क्योंकि मैंने जनता भवन में 2.5 मेगावाट सौर परियोजना का उद्घाटन किया, जिससे असम सचिवालय भारत का पहला हरित सचिवालय बन गया.'

Advertisement

उन्होंने कहा कि सचिवालय परिसर में अब पूरी तरह से सौर ऊर्जा से बिजली आपूर्ति होगी, जिससे हर महीने 30 लाख रुपये के बिजली बिल की बचत होगी. मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी आधिकारिक परिसरों में सौर पैनल लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत राज्य भर के मेडिकल कॉलेज और विश्वविद्यालयों से होगी.

ये भी पढ़ें-  चोपता घूमने साथ निकलीं थीं नोएडा के फ्लैट में रहने वालीं 4 सहेलियां, पर किस्मत देखिए..

Featured Video Of The Day
Noida Sector 32 Dumping Yard Fire से मचा हड़कंप! कैसे लगी आग जिसे Fire Fighters नहीं कर पा रहे काबू