असम कैबिनेट ने 27 प्रमुख विधेयकों को दी मंजूरी, सदन में पेश की जाएगी तिवारी आयोग की रिपोर्ट

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्‍वा सरमा ने कहा कि असम कैबिनेट ने 25 नवंबर से शुरू होने वाले आगामी विधानसभा सत्र में पेश किए जाने वाले 27 प्रमुख विधेयकों को मंजूरी दे दी है.

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  • असम कैबिनेट ने आगामी विधानसभा सत्र के लिए 27 प्रमुख विधेयकों को मंजूरी दी है.
  • मंजूर बिलों में चाय बागानों के श्रमिकों को जमीन हस्तांतरण और स्कूल प्रोविंसिएलेशन अधिनियम संशोधन शामिल हैं.
  • तिवारी आयोग की रिपोर्ट और न्यायमूर्ति मेहता की जांच रिपोर्ट विधानसभा में सदन के पटल पर रखी जाएगी.
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असम कैबिनेट की मीटिंग में रविवार को 27 प्रमुख बिलों को मंजूरी दे दी गई है. अब इन बिलों को विधानसभा सत्र के दौरान सदन के पटल पर रखा जाएगा. मुख्‍यमंत्री हिमंता बिस्‍वा सरमा ने यह जानकारी दी है.  सीएम सरमा रविवार शाम को राज्‍य कैबिनेट बैठक के बाद दिसपुर स्थित लोक सेवा भवन में एक प्रेस कॉन्‍फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे. सरकार ने तिवारी कमीशन की रिपोर्ट को भी सदन के पटल पर रखने की मंजूरी दे दी है. असम विधानसभा का आगामी सत्र 25 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. 

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि असम कैबिनेट ने 25 नवंबर से शुरू होने वाले आगामी विधानसभा सत्र में पेश किए जाने वाले 27 प्रमुख विधेयकों को मंजूरी दे दी है. इन प्रस्तावों में शामिल हैं:

  • चाय बागानों की श्रमिक बस्तियों में मजदूरों को जमीन का हस्‍तांतरण  
  • स्कूल प्रोविंसिएलेशन एक्‍ट में संशोधन  
  • जल्लीकट्टू जैसे पारंपरिक खेलों की अनुमति देने के लिए पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत छूट
  • ग्रामीण संगठन मिशन (एमआरओ) के तहत एक नई नीति का परिचय

तिवारी आयोग की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी

इन विधायी प्रस्तावों के अलावा राज्य सरकार विधानसभा में तिवारी आयोग की रिपोर्ट भी सदन के पटल पर रखेगी. 1983 में गठित इस आयोग ने असम आंदोलन के दौरान हुई हिंसा की जांच की थी, जिसमें 3 हजार से ज्‍यादा लोग मारे गए थे. इसके साथ ही न्यायमूर्ति मेहता की गैर-सरकारी जांच रिपोर्ट भी सदन में पेश की जाएगी. 

सरमा ने बताया क्‍यों पेश की जा रही है ये रिपोर्ट?

मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इन रिपोर्टों को विधानसभा में रखने का उद्देश्य असम के लोगों खासकर युवा पीढ़ी और शोधकर्ताओं को असम आंदोलन के मूल कारणों और असमिया समुदाय से जुड़े पहचान संबंधी मुद्दों की गहरी समझ हासिल करने में मदद करना है. 

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