असम के मंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने एक बार फिर कांगेस पर बदरुद्दीन अजमल की पार्टी AIUDF के साथ गठबंधन को लेकर घेरा है. उन्होंने दावा किया है कि इससे कांग्रेस '50 साल और पीछे चली जाएगी.' शर्मा ने NDTV से कहा, '80 के दशक के शुरुआती सालों में पार्टी असम के लोगों से दूर हो गई और फिर कांग्रेस को खुद को यहां खड़े होने में 25 साल लगे, पहले हितेश्वर सैकिया और फिर तरुण गोगोई लगे इस काम में, लेकिन अब अजमल के साथ गठबंधन करके इन्होंने फिर से पार्टी को 50 सालों के लिए और पीछे कर दिया है.'
उन्होंने कहा कि 'हमारा सवाल है कि आपके पास पांच गारंटी का प्रोग्राम है, राहुल हैं, प्रियंका हैं, फिर आपको अजमल की क्या जरूरत है?' प्रियंका गांधी ने यहां इस महीने ही नए फाइव-गारंटी कैंपेन की घोषणा की थी.
एआईयूडीएफ के चीफ ने पिछले हफ्ते NDTV से एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा था कि वो बीजेपी के 'इकलौते निशाने' पर हैं क्योंकि वो असम में 35 फीसदी वोट को प्रभावित कर सकते हैं. असम में, मुस्लिम समुदाय के वोट का प्रतिशत इतना ही है.
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बीजेपी के प्रमुख रणनीतिकार शर्मा ने कहा कि बदरुद्दीन अजमल ने अभी तक असमी संस्कृति को पूरी तरह से नहीं अपनाया है, ऐसे में उनके साथ गठबंधन करना कांग्रेस के लिए बहुत गलत साबित होगा. उन्होंने कहा, 'इन चुनावों में हमारा मसला कांग्रेस से नहीं है. हमारा सवाल है कि कांग्रेस किसी प्रवासी से कैसे गठबंधन कर सकती है, जिसने असमी संस्कृति पूरी तरीके से नहीं अपनाई है? क्या किसी ने अजमल को बिहू के दौरान देखा था? यह पूरा चुनाव ही अजमल के खिलाफ है.'
उधर, महागठबंधन या 'महाजोठ' का नेतृत्व कर रही कांग्रेस ने AIUDF को 'सेकुलर' बता उसका बचाव किया है. बदरुद्दीन अजमल को बीजेपी ने 'सांप्रदायिक' होने का ठप्पा दिया है, और लगातार गठबंधन पर सवाल उठा रही है.
बता दें कि असम में 27 मार्च से तीन चरणों में चुनाव होने वाले हैं. सोमवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने असम में रैली की थी, उसके पहले रविवार को गृहमंत्री अमित शाह और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी रैलियां की थीं.