असम: बाढ़ से 6.71 लाख लोग प्रभावित, 13 मछुआरों को वायुसेना ने बचाया

भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर बचाव अभियान से संबंधित तस्वीरें साझा करते हुए लिखा: 'वायुसेना ने असम के डिब्रूगढ़ के उत्तर में बाढ़ग्रस्त ब्रह्मपुत्र के एक छोटे से द्वीप से 13 लोगों को बचाया. दो जुलाई 2024 को सूर्योदय के बाद, एएफएस मोहनबाड़ी से एक एमआई-17 IV हेलीकॉप्टर ने चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में उड़ान भरी और दलदली भूमि से बचाव अभियान चलाया.''

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असम में बाढ़ की स्थिति मंगलवार को भी गंभीर बनी रही और इस साल बाढ़ की दूसरी लहर में 20 जिलों में 6.71 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने गंभीर रूप से प्रभावित डिब्रूगढ़ जिले से 13 फंसे हुए मछुआरों को बचाया है. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि ब्रह्मपुत्र सहित कम से कम 13 प्रमुख नदियां विभिन्न स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं तथा कई जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी की गई है.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) के अनुरोध पर डिब्रूगढ़ के हटिया अली से बाढ़ के पानी में फंसे मछुआरों को बचाया गया.

अधिकारी ने कहा, '‘एएसडीएमए ने भारतीय वायुसेना से फंसे हुए 13 मछुआरों को हवाई मार्ग से बाहर निकालने का अनुरोध किया. इसका सारा खर्च एएसडीएमए द्वारा वहन किया जाएगा.'

भारतीय वायुसेना ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर बचाव अभियान से संबंधित तस्वीरें साझा करते हुए लिखा: 'वायुसेना ने असम के डिब्रूगढ़ के उत्तर में बाढ़ग्रस्त ब्रह्मपुत्र के एक छोटे से द्वीप से 13 लोगों को बचाया. दो जुलाई 2024 को सूर्योदय के बाद, एएफएस मोहनबाड़ी से एक एमआई-17 IV हेलीकॉप्टर ने चुनौतीपूर्ण मौसम की स्थिति में उड़ान भरी और दलदली भूमि से बचाव अभियान चलाया.''

इसमें कहा गया है कि पायलट और फ्लाइट गनर के समन्वित प्रयासों से 13 बचे लोगों को शीघ्र और सुरक्षित विमान में चढ़ाना सुनिश्चित हुआ. वायुसेना ने कहा कि बचाव के बाद मछुआरों को आपातकालीन प्राथमिक उपचार प्रदान किया गया.

इससे पहले रविवार को, भारतीय वायुसेना ने धेमाजी जिले के जोनाई से राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के आठ कर्मियों और एक राजस्व अधिकारी को बचाया था. ये लोग राहत अभियान के दौरान ‘चार' () इलाके में फंस गए थे.

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बाढ़ की मौजूदा लहर में डिब्रूगढ़ जिला बुरी तरह प्रभावित हुआ है और ऊपरी असम का यह प्रमुख शहर लगातार छह दिन से जलमग्न है. एएसडीएमए के बुलेटिन में कहा गया है कि 20 जिलों में 6,71,167 लोग बाढ़ के पानी से प्रभावित हैं.

पिछले 24 घंटों में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि के साथ ही इस वर्ष राज्य में बाढ़, तूफान और भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 46 हो गई है.

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ब्रह्मपुत्र नदी नेमाटीघाट (जोरहाट), तेजपुर (सोनितपुर), गुवाहाटी (कामरूप) और धुबरी में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. बदतीघाट (लखीमपुर) में सुबनसिरी, चेनिमारी (डिब्रूगढ़) में बुरहीडीहिंग, शिवसागर में दिखौ, नंगलामुराघाट (शिवसागर) में दिसांग, नुमाकीगढ़ (गोलाघाट) में धनसिरी, एनटी रोड क्रॉसिंग (सोनितपुर) में जिया-भराली, कामपुर (नागांव) में कोपिली, एनएच रोड क्रॉसिंग (कामरूप) में पुथिमारी, बारपेटा रोड ब्रिज पर बेकी, (हैलाकांडी) में धलेश्वरी, करीमगंज में कुशियारा, और बीपी घाट पर बराक नदी खतरे के निशान को पार कर गई है.

एएसडीएमए के बुलेटिन में कहा गया है कि गुवाहाटी के बोरझार स्थित क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने ग्वालपाड़ा, बोंगाईगांव, कार्बी आंगलोंग और दीमा हसाओ में अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.

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मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को कहा था कि डिब्रूगढ़ में स्थिति गंभीर है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और मशीनें शहर से पानी नहीं निकाल सकतीं.

अरुणाचल प्रदेश में लगातार बारिश के बाद रविवार से राज्य में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई. बाढ़ की वजह से कुल 8,142 विस्थापित लोग 72 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं.

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गोलाघाट जिले में राहत कार्यों में भारतीय सेना के जवानों को भी लगाया गया है. एक सौ 59 गोताखोरों सहित कुल 614 राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) कर्मियों को 295 नावों के साथ 54 स्थानों पर तैनात किया गया है.

पिछले 24 घंटों में गोलाघाट, जोरहाट, नगांव और माजुली में तटबंधों के टूटने की खबरें मिली हैं. लखीमपुर बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित जिला है, जहां 1,43,983 लोग बाढ़ के पानी में फंसे हुए हैं. इसके बाद धेमाजी में 1,01,333 लोग और कछार में 66,195 लोग प्रभावित हुए हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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