असना चक्रवात का गुजरात पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा, अब ओमान की ओर बढ़ गया

Asna cyclone impact : असना चक्रवात को लेकर डर का माहौल बन गया था. मगर अब मौसम विभाग ने बताया है कि ये ओमान की ओर बढ़ गया है...जानिए पूरा अपडेट

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गुजरात का कच्छ बाढ़ से डूब चुका है.

Asna cyclone impact : गुजरात के कच्छ तट पर दिन में बना चक्रवाती तूफान ‘असना' इलाके पर कोई बड़ा प्रभाव डाले बिना अरब सागर में ओमान की ओर बढ़ गया है. आईएमडी के अनुसार, वर्ष 1891 और 2023 के बीच अगस्त के दौरान अरब सागर में केवल तीन चक्रवात आए हैं. कच्छ के जिलाधिकारी अमित अरोड़ा ने बताया कि एहतियात के तौर पर स्थानीय प्रशासन ने करीब 3,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है तथा झोपड़ियों और कच्चे मकानों में रहने वाले लोगों को अन्य इमारतों में आश्रय लेने को कहा गया है.

मच गया था हड़कंप

कच्छ के जिलाधिकारी ने बताया, ‘‘चूंकि चक्रवात पहले ही समुद्र की ओर बढ़ चुका है और ओमान की ओर जा रहा है, इसलिए तट पर इसका मामूली प्रभाव पड़ा है. कुछ बारिश और तेज गति से चल रही हवाओं को छोड़कर, यहां इसका कोई असर नहीं हुआ. किसी के घायल होने, मौत होने या किसी बड़ी संरचना के ढहने की तत्काल कोई खबर नहीं है.'' भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार शाम को जारी एक विज्ञप्ति में बताया था कि कच्छ तट और पाकिस्तान के समीपवर्ती क्षेत्रों पर बना गहरा दबाव चक्रवाती तूफान असना में तब्दील हो गया है और पूर्वाह्न 11:30 बजे भुज से लगभग 190 किलोमीटर पश्चिम-उत्तरपश्चिम में केंद्रित है. इसके बाद अधिकारियों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए कदम उठाए. आईएमडी की चेतावनी के बाद, कच्छ के जिलाधिकारी अरोड़ा ने एक वीडियो संदेश जारी कर अबडासा, मांडवी और लखपत तालुका में रह रहे लोगों से अपनी झोपड़ियों और कच्चे घरों को छोड़कर किसी स्कूल या अन्य इमारतों में शरण लेने के लिए कहा. 

IMD ने दी थी ये चेतावनी

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि आईएमडी की चेतावनी के बाद, मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल बृहस्पतिवार रात गांधीनगर में राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अरोड़ा से जिला प्रशासन की तैयारियों के बारे में बात की. इसमें कहा गया था कि अगर गहरे दबाव का क्षेत्र चक्रवात में तब्दील होता है तो इसका नाम ‘असना' रखा जाएगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया नाम है. यह एक दुर्लभ घटना है कि जमीन पर बना गहरा दबाव समुद्र में चक्रवाती तूफान में बदल गया है. इतना ही नहीं, अगस्त में अरब सागर में चक्रवात का बनना भी दुर्लभ है. आईएमडी ने चेतावनी दी थी कि ‘‘इस अवधि के दौरान समुद्र की स्थिति खराब रहेगी, ऊंची लहरें उठेंगी और गुजरात तट पर हवा की गति 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक पहुंच सकती है.''

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पहले मचा चुका है तबाही

आईएमडी के अनुसार, वर्ष 1891 और 2023 के बीच अगस्त के दौरान अरब सागर में केवल तीन चक्रवात आए 1976, 1964 और 1944 में आए थे. वर्ष 1976 का चक्रवात ओडिशा से बनने के बाद पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ा और अरब सागर में प्रवेश कर गया. हालांकि, ओमान तट के पास उत्तर-पश्चिम अरब सागर में यह कमजोर हो गया. वर्ष 1944 के चक्रवात ने अरब सागर में बनने के बाद प्रचंड रूप लिया था. वर्ष 1964 में एक और अल्पकालिक चक्रवात दक्षिण गुजरात तट के पास उत्पन्न हुआ और तट के करीब ही कमजोर हो गया.

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बाढ़ से भी परेशान गुजरात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुजरात में हाल में भारी बारिश के बाद शुक्रवार को अपने गांधीनगर लोकसभा क्षेत्र के जमीनी हालात का जायजा और प्रशासन को आवश्यक निर्देश दिए. अहमदाबाद के कई हिस्से गांधीनगर लोकसभा सीट के अंतर्गत आते हैं. इस सप्ताह की शुरुआत में भारी बारिश के बाद घुटनों तक पानी में डूब गए थे. भाजपा की एक विज्ञप्ति के अनुसार, ‘‘मौजूदा हालात का जायजा लेते हुए अमित शाह ने सामान्य जन-जीवन बहाल करने, बीमारियों की रोकथाम करने और नागरिकों के सामने आ रही समस्या का तत्काल समाधान करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए. शुक्रवार को मानसून की गतिविधियां कमजोर पड़ने के साथ ही शाह ने अहमदाबाद और गांधीनगर दोनों जिलों के कलेक्टर और नगर निगम आयुक्तों से फोन पर चर्चा की.''गुजरात में बारिश से जुड़ी घटनाओं में पिछले तीन दिनों में 26 लोगों की जान चली गई है. राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 18,000 से अधिक लोगों को स्थानांतरित किया गया है और लगभग 1,200 लोगों को बचाया गया है. वडोदरा में बाढ़ के कारण मगरमच्छ घरों तक में पहुंच जा रहे हैं.

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