MP : धार के भोजशाला परिसर में ASI सर्वे 8वें दिन भी जारी, कड़ी की गई सुरक्षा

रमजान का यह तीसरा शुक्रवार है. पिछले सप्ताह नमाज के दौरान एएसआई का दल भोजशाला परिसर से बाहर निकल गया था.

Advertisement
Read Time: 3 mins
धार:

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश पर धार के भोजशाला-कमाल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का सर्वेक्षण कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच लगातार आठवें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा. पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि इस परिसर में मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा हर शुक्रवार को अदा की जाने वाली नमाज के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई.

एएसआई दल के सदस्य अलग-अलग उपकरणों से लैस होकर इस विवादित परिसर में सुबह छह बजे सर्वेक्षण के लिए पहुंचे.

धार के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘मौजूदा सुरक्षा बलों के अलावा शुक्रवार को भोजशाला परिसर में 35 अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात किए गए. भोजशाला परिसर में पहले आमतौर पर लगभग 1,600 लोग नमाज अदा करते थे, लेकिन एएसआई का सर्वेक्षण शुरू होने बाद पिछले शुक्रवार अपराह्न एक से तीन बजे के बीच इस परिसर में लगभग 2,400 लोगों ने नमाज अदा की थी.''

एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि वर्तमान में भोजशाला परिसर में 150 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात हैं. सर्वेक्षण के आठवें दिन एएसआई दल में दो नये विशेषज्ञ शामिल हुए.

पुलिस अधीक्षक सिंह ने बताया, ‘‘सुरक्षा व्यवस्था के तहत सर्वेक्षण शुरू होने के पहले दिन से ही भोजशाला परिसर और इसके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए थे.''

रमजान का यह तीसरा शुक्रवार है. पिछले सप्ताह नमाज के दौरान एएसआई का दल भोजशाला परिसर से बाहर निकल गया था.

सूत्रों ने बताया कि एएसआई दल ने भोजशाला परिसर में अपने सर्वेक्षण के दौरान एक जगह नींव के नीचे कुछ शहतीर (बीम) देखे हैं और दल को इससे कोई ठोस निष्कर्ष निकालने के लिए परिसर के अन्य स्थानों की खुदाई भी करनी पड़ सकती है.

हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले आशीष गोयल तथा गोपाल शर्मा और मुसलमानों के नेता अब्दुल समद सर्वेक्षण के दौरान एएसआई दल के साथ थे.

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ ने 11 मार्च को एएसआई को छह सप्ताह के भीतर भोजशाला परिसर का 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' करने का आदेश दिया था. इसके बाद एएसआई ने 22 मार्च से इस परिसर का सर्वेक्षण शुरू किया था.

यह परिसर एक मध्ययुगीन स्मारक है जिसे हिंदू समुदाय वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर मानता है, जबकि मुस्लिम समुदाय इसे कमाल मौला मस्जिद बताता है.

Advertisement

एएसआई के सात अप्रैल 2003 को जारी आदेश के अनुसार तय व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर शुक्रवार इस जगह पर नमाज अदा करने की अनुमति दी गई है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
PM Modi Speech In Parliament: पीएम मोदी ने जब निकाला कांग्रेस के वोटों-सीटों का हिसाब | Congress