"ताजमहल को बकाया प्रॉपर्टी टैक्स भुगतान का नोटिस गलती से भेजा"; ASI अधिकारी

एएसआई के अधिकारी राज कुमार पटेल ने एनडीटीवी से बताया कि अब तक तीन नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिनमें से दो ताजमहल के लिए और एक आगरा किले के लिए भेजा गया.

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ताजमहल को "बकाया" राशि के तौर पर 1 करोड़ से अधिक का भुगतान करने के लिए कहा गया है.
आगरा:

आगरा का ताजमहल दुनियाभर के टूरिस्ट के लिए उनके घूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है. दुनिया के अजूबों में शुमार ताज महल को प्रॉपर्टी टैक्स और पानी के बिल के लिए नोटिस मिला है. हालांकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारी ने इसे एक गलती करार दिया और उम्मीद करते हुए कहा कि इसे जल्द ही ठीक कर लिया जाएगा.  योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार की विभिन्न इकाइयों द्वारा ताजमहल और आगरा किले दोनों को बकाया बिलों के लिए नोटिस दिया गया है. 

ताजहमल को "बकाया" रकम के तौर पर 1 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करने के लिए कहा गया है. आगरा में एएसआई के अधिकारी राज कुमार पटेल ने एनडीटीवी से कहा कि अब तक तीन नोटिस प्राप्त हुए हैं, जिनमें दो ताजमहल के लिए और एक आगरा किले के लिए है. उन्होंने कहा, "ताजमहल के लिए, हमें दो नोटिस मिले हैं, एक संपत्ति कर के लिए और दूसरा जल आपूर्ति विभाग से, जिसमें 12 प्वाइंट्स हैं. कुल 1 करोड़ रुपये से अधिक की मांग की गई है." 

अधिकारी ने कहा कि यह एक गलती है, क्योंकि इस तरह के कर स्मारकों के लिए लागू नहीं होते हैं. "सबसे पहले, संपत्ति कर या गृह कर स्मारक परिसर पर लागू नहीं होता है. उत्तर प्रदेश के कानूनों में भी यह प्रावधान है और अन्य राज्यों में भी. जहां तक पानी के बिल का नोटिस का सवाल है, अतीत में ऐसी कोई मांग नहीं की गई है और हमारे पास नहीं है. कोई भी पानी का कनेक्शन जो हम किसी भी व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए उपयोग करते हैं, ताज परिसर के अंदर हम जो लॉन बनाए रखते हैं, वे सार्वजनिक सेवा के लिए हैं, ऐसे में बकाया का कोई सवाल ही नहीं है. "

आगरा का किला, मुगल सम्राट अकबर द्वारा निर्मित एक यूनेस्को विश्व विरासत स्थल, है, जो कि 1638 तक मुगल राजवंश के सम्राटों का मुख्य निवास था. एएसआई अधिकारियों के मुताबिक, इस ऐतिहासिक स्मारक को पांच करोड़ रुपये की कर मांग भी मिली है. डॉ. पटेल ने कहा, "कैंटोनमेंट बोर्ड ने हमें विश्व विरासत स्मारक आगरा किले के लिए कुल 5 करोड़ रुपये से अधिक का नोटिस दिया था, जिसका हमने उन्हें जवाब दिया है कि संबंधित सरकारी अधिनियम स्मारकों को छूट देता है."

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