गहलोत-पायलट मुलाकात, बंद कमरे में राजनीति पर बात! क्या बदलने वाली है राजस्थान की सियासी फिजा?

अशोक गहलोत और सचिन पायलट की मुलाकात और बंद कमरे में हुई बातचीत ने अचानक से राजस्थान की राजनीति को वहां की गर्मी की तरह बढ़ा दिया है.

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अशोक गहलोत और सचिन पायलट.
जयपुर:

Sachin Pilot Ashok Gehlot Meet: राजस्थान एक ऐसा राज्य है, जहां हर 5 साल पर कांग्रेस और भाजपा के बीच सत्ता का फेरबदल होता है. यहां इस समय भाजपा की सरकार है. बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बड़ी जीत हासिल करते हुए अशोक गहलोत की सरकार को हटाया था. विधानसभा चुनाव में मिली हार के समय सियासी हलकों में यह चर्चा उठी थी कि प्रदेश कांग्रेस में बदलाव की जरूरत है. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चल रही सालों पुरानी सियासी अदावत की चर्चा भी चली थी. लेकिन लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपेक्षा से बेहतर नतीजे प्राप्त कर भाजपा को बड़ा झटका दिया. कांग्रेस ने अपने गठबंधन साथियों के साथ मिलकर प्रदेश की 20 में से 11 सीटों पर जीत हासिल की थी. 

गहलोत के घर पहुंचे पायलट, गर्मजोशी में हुई बातचीत

हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद राजस्थान का सियासत फिर ठंडी है. क्योंकि प्रदेश में अभी चुनाव में लंबा वक्त बाकी है. लेकिन इस ठंडी सियासी फिजा शनिवार को अचानक तब गर्म हो गई, जब यह बात सामने आई कि सचिन पायलट ने अशोक गहलोत के घर जाकर मुलाकात की. बताया जाता है कि यह पहला मौका था जब सचिन पायलट अशोक गहलोत के घर पहुंचे हो.  

क्या बदलने वाली है राजस्थान की सियासी फिजा

गहलोत-पायलट की मुलाकात और बंद कमरे में हुई बातचीत ने अचानक से राजस्थान की राजनीति को वहां की गर्मी की तरह तेज कर दिया है. एक ही पार्टी के दो विरोधी नेताओं की मुलाकात से राजस्थान की सियासी फिजा बदलने की चर्चा हो रही है.  इस मुलाकात के क्या मायने है? आखिर पायलट इस समय गहलोत के घर क्यों गए... जानिए इस रिपोर्ट में. 

बंद कमरे में डेढ़ घंटे तक गहलोत-पायलट की बातचीत

अशोक गहलोत और सचिन पायलट की गर्मजोशी वाली मुलाकात की तस्वीरें और वीडियो भी सामने आई है. बताया गया कि सचिन पायलट खुद  गहलोत निवास पहुंचे थे. दोनों नेताओं में करीब डेढ़ घंटे बंद कमरे में बातचीत चली. पार्टी और प्रदेश से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई. साथ ही सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को एक खास कार्यक्रम के लिए आमंत्रित भी किया. 

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  • सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच यह 3 महीने में तीसरी बार मुलाकात हुई. इससे पहले अप्रैल में अहमदाबाद और जयपुर एयरपोर्ट पर दोनों की मुलाकात और चर्चा हुई थी. 
  • लेकिन आज जिस तरह से गहलोत और पायलट मिले, दोनों नेताओं के बीच डेढ़ घंटे तक चर्चा हुई उससे राजनीतिक गलियारों में अटकलें तेज हो गई है कि क्या कांग्रेस में सुलह का रास्ता खुला?

राजेश पायलट की पुण्यतिथि के लिए किया आमंत्रित

इस मुलाकात के दौरान सचिन पायलट ने अशोक गहलोत को राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि के कार्यक्रम के लिए आमंत्रित किया. मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने कहा मैं और राजेश पायलट 1980 में पहली बार एक साथ लोकसभा पहुंचे थे. हम लगभग 18 साल तक संसद में साथ रहे. उनके आकस्मिक निधन का दुख हमें आज भी बना हुआ है. उनके जाने से पार्टी को भी गहरा आघात लगा था.

11 जून को राजेश पायलट की पुण्यतिथि

बताते चले कि 11 जून को कांग्रेस नेता राजेश पायलट की पुण्यतिथि होती है. इस दिन दौसा के पास भंडाना-जीरोता में राजेश पायलट के लिए  श्रद्धांजलि सभा का आयोजन होता है. यहां राजेश पायलट का स्मारक है. जहां सचिन पायलट उनके परिजन सहित बड़ी संख्या में लोग अपने प्रिय नेता को श्रद्धांजलि देने पहुंचते हैं. इस बार राजेश पायलट की 25वीं पुण्यतिथि है. ऐसे में इस बार का आयोजन और भव्य होगा.

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