राजस्थान में सिर्फ़ टला है संकट, खत्म नहीं हुआ गहलोत-पायलट विवाद

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
राजस्थान के CM अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी CM सचिन पायलट के बीच सत्ता और प्रभुत्व को लेकर जारी संघर्ष को दूर करने के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कई बार कोशिश कर चुका है...
नई दिल्ली:

राजस्थान में पिछला विधानसभा चुनाव जीतने के बाद से ही कांग्रेस की सरकार तो बनी ही हुई है, उनके लिए पार्टी के भीतर संकट भी लगातार बना हुआ है, जिसके चलते पिछले कुछ सालों में कई बार ऐसी स्थिति पैदा हुई, जो पार्टी की छवि के लिए अच्छी नहीं है. इसका कारण रहा है - राजस्थान के दिग्गज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच सत्ता और प्रभुत्व को लेकर जारी संघर्ष, जिसे दूर करने के लिए पार्टी का शीर्ष नेतृत्व कई बार कोशिश कर चुका है. सोमवार को एक बार फिर ऐसी ही कोशिश की गई, और दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उन्हें हालिया कर्नाटक चुनाव का उदाहरण देकर समझाया गया कि एकजुट रहने से भारतीय जनता पार्टी (BJP) को शिकस्त दी जा सकती है. लेकिन इन बैठकों का नतीजा 'वही ढाक के तीन पात' सरीखा होता लग रहा है. सूत्रों के मुताबिक, लग रहा है कि राज्य में इसी साल के अंत में होने जा रहे विधानसभा चुनाव तक के लिए पार्टी नेतृत्व ने दोनों नेताओं को शांत करने और एकजुट करने की कोशिश की है, लेकिन देखना यह होगा कि सचिन पायलट इस बात से कितना शांत रह पाते हैं कि अशोक गहलोत की सत्ता को चुनाव तक कोई खतरा नहीं रहेगा. आइए पढ़ते हैं, सोमवार को हुई बैठकों में क्या-क्या हुआ.

कांग्रेस में संकटमोचन के उद्देश्य से हुई बैठक की खास बातें...
  1. दिल्ली में सोमवार को हुई बैठकों के दौरान अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने अपनी-अपनी बात कही, जिन्हें सुना गया.
  2. मिली जानकारी के मुताबिक, पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने दोनों ही नेताओं से किसी तरह का कोई वादा नहीं किया है.
  3. बताया गया है कि राजस्थान के दोनों नेताओं को कर्नाटक में हालिया चुनावी जीत का उदाहरण दिया गया और एकजुट होकर, मिलकर BJP को हराने के लिए कहा गया.
  4. बैठकों में अशोक गहलोत और सचिन पायलट ने शीर्ष नेतृत्व से वादा किया है - आलाकमान का कोई भी फ़ैसला उन्हें मंज़ूर होगा.
  5. माना जा रहा है, सचिन पायलट को प्रचार समिति का प्रमुख बनाया जा सकता है या दिल्ली में एडजस्ट किया जा सकता है.
  6. 2023 के अंत में राजस्थान में होने जा रहे विधानसभा चुनाव तक अशोक गहलोत की कुर्सी पर किसी तरह का कोई खतरा नहीं होगा.
  7. Advertisement
  8. अशोक गहलोत को भरोसा है, राज्य में उनकी सरकार द्वारा चलाए गए राहत कार्यक्रमों की वजह से कांग्रेस को ही विधानसभा चुनाव में जीत हासिल होगी.
Advertisement
Featured Video Of The Day
Assembly Election Results 2024 | Congress का अर्बन नक्सलवाद भारत के सामने चुनौती: PM Modi