अश्नीर ग्रोवर और भारतपे (Ashneer Grover and Bharatpe) के बीच लंबे समय से चल रहा विवाद आखिरकार समाप्त हो गया है. दोनों पक्षों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस समझौते के तहत अश्नीर ग्रोवर अब भारतपे से किसी भी प्रकार का संबंध नहीं रखेंगे, और कंपनी में उनकी हिस्सेदारी भी समाप्त कर दी गई है. उनके कुछ शेयर "Resilient Growth Trust" को ट्रांसफर कर दिए गए हैं, जबकि बाकी शेयर उनके परिवारिक ट्रस्ट द्वारा प्रबंधित किए जाएंगे.
खास बात यह है कि इस समझौते के साथ ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ दायर सभी कानूनी मामलों को वापस लेने का निर्णय लिया.
अश्नीर ग्रोवर ने समझौते के बाद ट्वीट कर सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, 'मैं भारतपे के साथ एक निर्णायक समझौते पर पहुंच गया हूं. मैं प्रबंधन और बोर्ड पर अपना भरोसा रखता हूं, जो भारतपे को सही दिशा में आगे ले जाने के लिए बेहतरीन काम कर रहे हैं। मैं कंपनी के विकास और सफलता के साथ लगातार जुड़ा हुआ हूं. मैं अब भारतपे के साथ किसी भी पद पर नहीं जुड़ा रहूंगा, न ही कैपिटल टेबल का हिस्सा बनूंगा. मेरे शेष शेयरों का प्रबंधन मेरे फैमिली ट्रस्ट द्वारा किया जाएगा। दोनों पक्षों ने दायर मामलों को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. मुझे उम्मीद है कि भारतपे अपने सभी हितधारकों के लाभ के लिए आगे बढ़ता रहेगा और सफल होता रहेगा.'
आपको बता दें कि अश्नीर ग्रोवर और भारतपे के बीच का विवाद भारतीय स्टार्टअप जगत का एक प्रमुख मुद्दा बना था. अश्नीर ग्रोवर भारतपे के को-फाउंडर थे. गौरतलब है कि भारतपे एक भारतीय फिनटेक कंपनी यानी वित्तीय मामले से जुड़ी कंपनी है जो मर्चेंट्स को डिजिटल भुगतान की सुविधा प्रदान करती है.
सबसे पहले बात करते हैं कि विवाद की शुरुआत कैसे हुई
2022 की शुरुआत में अश्नीर ग्रोवर और भारतपे के बीच विवाद तब सुर्खियों में आया, जब अश्नीर और उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर पर कई वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे. मामला तब उभरा जब अश्नीर का एक कथित ऑडियो क्लिप वायरल हुआ, जिसमें वे कोटक महिंद्रा बैंक के एक कर्मचारी के साथ अपमानजनक भाषा में बात करते सुने गए थे. यह विवाद उस समय हुआ था जब अश्नीर ने Nykaa के IPO में कोटक बैंक से फंडिंग ना मिलने पर नाराजगी जताई थी.
इसकी हुई जांच और नतीजा क्या रहा
जब यह ऑडियो वायरल हुआ तब इस ऑडियो क्लिप के बाद भारतपे के बोर्ड ने स्वतंत्र ऑडिट की घोषणा की. इस ऑडिट में कई वित्तीय अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के आरोप सामने आए। इनमें से मुख्य आरोप यह था कि अश्नीर और उनकी पत्नी ने कंपनी से अनुचित तरीके से लाभ उठाए और कंपनी के फंड का दुरुपयोग किया. भारतपे ने ग्रोवर और उनके परिवार पर लगभग ₹81 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे. ग्रोवर ने भी कंपनी के बोर्ड पर उन्हें गलत तरीके से बाहर निकालने का आरोप लगाया था. जांच में यह पाया गया कि कई खर्चें व्यक्तिगत फायदे के लिए किए गए थे, जिनमें लक्जरी सामानों की खरीदारी और विदेश यात्राएं तक शामिल थीं.
अश्नीर ग्रोवर छुट्टी पर भेजा गया फिर बर्खास्तगी हुई
भारतपे के बोर्ड ने इन आरोपों के मद्देनजर कार्रवाई की और अश्नीर को कंपनी के प्रबंधन से छुट्टी लेने के लिए कहा गया. अश्नीर ने पहले छुट्टी ली और उसके कुछ ही समय बाद उन्हें कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर के पद से हटा दिया गया. इसके बाद उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर, जो कंपनी में कंट्रोल्स के प्रमुख थीं, को भी कंपनी से हटा दिया गया.
अपने पर हुए एक्शन पर क्या बोले थे अश्नीर ग्रोवर
अश्नीर ग्रोवर ने इन आरोपों को शुरू से ही खारिज किया और कहा कि यह उनके खिलाफ एक सुनियोजित साजिश है. उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी के बोर्ड और निवेशक उन्हें कंपनी से बाहर करना चाहते थे, ताकि वे कंपनी पर पूरी तरह से नियंत्रण कर सकें. उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अन्य को-फाउंडर और कंपनी के अन्य सदस्यों से निजी रूप से विवाद हुआ था.
बढ़ते हुए विवाद के बाद अश्नीर ने उठाया था क्या कदम
अश्नीर ग्रोवर ने अंततः भारतपे से इस्तीफा दे दिया, लेकिन यह विवाद भारत के स्टार्टअप जगत में एक बड़ी घटना के रूप में दर्ज हुआ. इस घटना से स्टार्टअप्स में गवर्नेंस (प्रबंधन) और फाउंडर्स के बीच संबंधों पर गंभीर प्रश्न खड़े हुए. आपको बता दें कि अश्नीर ग्रोवर ने इस्तीफे के बाद एक किताब लिखी जिसका नाम है "Doglapan: The Hard Truth About Life and Start-Ups". इसके अलावा, उन्होंने अपनी अगली कंपनी पर भी काम शुरू कर दिया था.