Cruise Drugs case: आर्यन खान (Aryan Khan) ड्रग्स मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) पहुंच गया है. वकील जयकृष्ण सिंह ने इस मामले में याचिका दाखिल की है जिसमें आर्यन की गिरफ्तारी पर बड़े सवाल उठाए गए हैं. याचिका में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के खिलाफ 18 करोड़ की वसूली के आरोपों की सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज से जांच कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि आर्यन मामले में NDPS कानून की उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया. आर्यन खान और रिया चक्रवर्ती जैसे आरोपियों की मीडिया परेड 'लाइव लिंचिंग' जैसी थी और ये उनके निष्पक्ष ट्रायल के अधिकार के खिलाफ है. केंद्रीय गृह मंत्रालय वर्तमान ड्रग मामले को बॉलीवुड का जश्न बनाने के लिए अफसरों की जिम्मेदारी तय करे.
इसमेंकहा गया है कि जिस तरह से बॉलीवुड के बच्चों को जेल में डाला गया है, उससे पता चलता है कि कानून का पालन नहीं किया गया. NCB बाहरी प्रभाव में काम करता दिख रहा है.याचिका में कहा गया है कि तस्करों और पेडलरों को सजा हो लेकिन ड्रग्स लेने वालों को सजा का प्रावधान खत्म हो. याचिका में NDPS कानून को भी चुनौती देते हुए कहा गया है कि नशाखोरों को नशा पीड़ित मानकर पुनर्वास केंद्रों पर भेजने का प्रावधान होना चाहिए. ड्रग्स पीने वालों के लिए सजा के प्रावधान को खत्म करने के सरकार के प्रस्ताव का भी जिक्र किया गया है.
याचिका में कहा गया है कि व्यक्तिगत उपभोग के लिए कुछ ड्रग्स खरीदने को अपराध से मुक्त किया जाना चाहिए.नशीली दवाओं के तस्करों, पेडलर्स और ड्रग्स का सेवन करने वालों के बीच कानूनी अंतर होना चाहिए.ड्रग्स का सेवन करने वालों के प्रति सहानुभूति होनी चाहिए. उसके ऊपर से अपराध की धाराएं हटा दी जानी चाहिए.बड़ी विसंगति यह है कि जब दुनिया भर में नशीली दवाओं के सेवन करने वाले को आपराधिक श्रेणी से बाहर रखा गया हैभारत में उन्हें NDPS अधिनियम के तहत अपराध के दायरे में रखा गया है.