"हमें स्कूल ठीक करना आता है, प्लीज हमारा इस्तेमाल कीजिए", PM से केजरीवाल की अपील

पीएम मोदी ने बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस मिशन की शुरुआत की. इस दौरान पीएम मोदी स्मार्ट क्लास में बच्चों के बीच बैठकर 'क्लास' लेते नजर आए. पीएम की इन तस्वीरों की खूब चर्चा हो रही है. केजरीवाल ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए खुद को क्रेडिट दिया है.

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अरविंद केजरीवाल ने PM मोदी से देश के स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से देश के स्कूलों को बेहतर बनाने के लिए मिलकर काम करने की अपील की है. उन्होंने अपनी सरकार की विशेषज्ञता की पेशकश की. केजरीवाल की यह टिप्पणी मोदी द्वारा गुजरात के गांधी नगर में एक स्कूल का दौरा करने और छात्रों से बातचीत के बाद आई है.

दरअसल, पीएम मोदी ने बुधवार को गुजरात के गांधीनगर में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस मिशन की शुरुआत की. इस दौरान पीएम मोदी स्मार्ट क्लास में बच्चों के बीच बैठकर 'क्लास' लेते नजर आए. पीएम की इन तस्वीरों की खूब चर्चा हो रही है. केजरीवाल ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए खुद को क्रेडिट दिया है. केजरीवाल ने कहा कि उनकी पार्टी की वजह से ही ऐसा हुआ है.

केजरीवाल ने कहा, 'आज मैंने देखा प्रधानमंत्री जी एक स्कूल में गए वह एक बच्चे के साथ क्लास रूम में बैठे. उन्होंने अपने भाषण में शिक्षा और सरकारी स्कूलों की दशा के ऊपर काफी कुछ कहा. मैं बेहद प्रसन्न हूं कि 75 साल के बाद ही सही, लेकिन सरकारी स्कूलों और गरीबों की शिक्षा मुख्यधारा की राजनीति के अंदर चर्चा का विषय बनी है.'

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उन्होंने कहा, 'मैं अभी तक आम आदमी पार्टी की यह सबसे बड़ी उपलब्धि मानता हूं कि आम आदमी पार्टी ने सारी पार्टियों को सारे नेताओं को शिक्षा और स्कूल के ऊपर बात करने के लिए मजबूर किया है.' केजरीवाल ने लिखा, ''PM सर, हमने दिल्ली में शिक्षा में शानदार काम किया है. 5 साल में दिल्ली के सारे सरकारी स्कूल शानदार बना दिये. पूरे देश के स्कूल 5 साल में ठीक हो सकते हैं. हमें अनुभव है. आप हमें पूरी तरह इसके लिए इस्तेमाल कीजिए प्लीज़। मिलके करते हैं ना. देश के लिए.''

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मनीष सिसोदिया ने भी पीएम मोदी की तस्वीरों पर कॉमेंट किया. उन्होंने लिखा, '' मोदी जी आज पहली बार गुजरात के बच्चों के साथ स्कूल जाकर बैठे. 27 साल पहले ये शुरू कर दिया होता तो आज गुजरात के हरेक बच्चे को, शहर से लेकर गाँव तक के हर बच्चे को, शानदार शिक्षा मिल रही होती. दिल्ली में 5 साल में हो सकता है तो गुजरात में तो भाजपा 27 साल से सरकार में है, लेकिन भाजपा के 27 साल के शासन में गुजरात के सरकारी स्कूलों का हाल यह है - 48,000 स्कूलों में से 32,000 की हालत एकदम खस्ताहाल है, इनमें भी 18,000 में तो कमरे तक नहीं है. टीचर नहीं है. एक करोड़ बच्चों में से अधिकतर का भविष्य अंधेरे में है इन स्कूलों में.''

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बता दें कि दिल्ली के 5 सरकारी स्कूलों को भारत के शीर्ष 10 सरकारी स्कूलों में स्थान मिला है. टॉप 10 सरकारी स्कूलों की श्रेणी में दिल्ली सरकार के स्कूलों ने पहला, दूसरा, नौवां (2 स्कूल) और दसवां स्थान मिला है. यह रैंकिंग एजुकेशन वर्ल्ड इंडिया और सी फोर ने तैयार की है. रैंकिंग तैयार करने के लिए 11,458 लोगों से उनकी राय हासिल की गई. स्कूलों पर अपनी राय जाहिर करने वाले लोगों में देश के कई प्रतिष्ठित शिक्षाविद्, स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावक, शिक्षक, प्रिंसिपल व स्वयं छात्र शामिल हैं. 

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