आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वैश्विक स्तर पर लगभग 40% नौकरियों को प्रभावित करेगी: आईएमएफ

आईएमएफ की एक नई रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, विकासशील देशों में एआई का प्रभाव कम होने की उम्मीद है, "वैश्विक स्तर पर लगभग 40 प्रतिशत नौकरियों पर असर पड़ने की संभावना है."

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
2024 दुनिया भर की राजकोषीय नीति के लिए "बहुत कठिन वर्ष" होने की संभावना है: आईएमएफ प्रमुख
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
एआई पर IMF प्रमुख का बयान
कहा-एआई विकसित देशों में 60 प्रतिशत नौकरियों को प्रभावित करेगा
वैश्विक स्तर पर 40 प्रतिशत नौकरियों पर असर पड़ने की संभावना: IMF प्रमुख

आईएमएफ प्रमुख के अनुसार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस दुनिया भर में नौकरी की सुरक्षा के लिए जोखिम पैदा करेगी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस उत्पादकता के स्तर को बढ़ाने और वैश्विक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक "जबरदस्त अवसर" भी प्रदान करेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने स्विट्जरलैंड के दावोस (Switzerland, Davos) में वार्षिक विश्व आर्थिक मंच में जाने से पहले वाशिंगटन में एक साक्षात्कार में कहा कि एआई विकसित देशों में 60 प्रतिशत नौकरियों को प्रभावित करेगा.

आईएमएफ की एक नई रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, विकासशील देशों में एआई का प्रभाव कम होने की उम्मीद है, "वैश्विक स्तर पर लगभग 40 प्रतिशत नौकरियों पर असर पड़ने की संभावना है." उन्होंने आगे कहा कि जितनी अधिक आपके पास उच्च कुशल नौकरियाँ होंगी, प्रभाव उतना ही अधिक होगा." 

जॉर्जीवा ने आगे कहा कि आपकी नौकरी पूरी तरह से ख़त्म हो सकती है  या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस नौकरी के अवसर को बढ़ा सकती है. इसलिए आप वास्तव में अधिक उत्पादक होंगे और आपकी आय का स्तर बढ़ सकता है," 

Advertisement

जॉर्जीवा ने एएफपी को बताया, "हमें विशेष रूप से कम आय वाले देशों को तेजी से आगे बढ़ने में मदद करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए ताकि वे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा पेश किए जाने वाले अवसरों का लाभ उठा सकें."

Advertisement

उन्होंने कहा, "तो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस , हां, थोड़ी डरावनी हैय लेकिन यह सभी के लिए एक जबरदस्त अवसर भी है."

2024 होगा "बहुत कठिन वर्ष"

जॉर्जीवा ने कहा कि 2024 दुनिया भर की राजकोषीय नीति के लिए "बहुत कठिन वर्ष" होने की संभावना है, क्योंकि देश कोविड-19 महामारी के दौरान जमा हुए कर्ज के बोझ से निपटने और ख़त्म हुए बफ़र्स का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं.

Advertisement

ये भी पढ़ें-  शेयर बाजार में रिकॉर्ड तेजी, सेंसेक्स पहली बार 73,000 के पार, निफ्टी ऑल टाइम हाई पर

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
India Pakistan Ceasefire: भारत-पाकिस्तान के बीच कैसे हुआ सीजफायर? 20 मिनट की वो पूरी कहानी जानिए
Topics mentioned in this article