आतंकवादी समूह आईएसआईएस (ISIS) के प्रति कथित तौर पर निष्ठा रखने वाले गिरफ्तार आईआईटी गुवाहाटी (IIT Guawahati) के छात्र के पिता ने मंगलवार को कहा कि उनके बेटे ने दिल्ली में अपने परिवार के सदस्यों से बात की थी और कहा था कि वो अपनी पढ़ाई जारी नहीं रखना चाहता है और उसकी अन्य योजनाएं हैं. आरोपी तौसीफ अली फारूकी, बायोसाइंस का फोर्थ ईयर का बीटेक छात्र है और उसे 24 मार्च को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) के चलते गिरफ्तार किया गया था. वो अब पुलिस कस्टडी में है.
छात्र के पिता अस्मत अली फारूकी ने एक अदालत के बाहर, जहां उनके बेटे को कुछ फॉर्मेलिटी के लिए लाया गया था, संवाददाताओं से कहा, "मैं बिहार के सिवान में रहता हूं लेकिन वो दिल्ली में मेरी पत्नी के साथ था. मेरे बेटे ने उसे कहा है कि वो अपनी पढ़ाई पूरी नहीं करना चाहता है और उसकी दूसरी योजनाएं हैं." बुधवार को उसे कोर्ट में पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद पेश किया जाएगा.
छात्र के पिता ने कहा, "निश्चित रूप से, कुछ ऐसा था जिसके बारे में उसकी मां को पता था लेकिन उसने इसे दूसरों से छिपाकर रखा". उनकी पत्नी भी अदालत पहुंची थीं लेकिन उन्होंने मीडिया से कोई बात नहीं की. छात्र के पिता ने दावा किया कि पुलिस ने दिन के वक्त उन्हें अपने बेटे से बात नहीं करने दी. उसके माता-पिता शुक्रवार को यहां पहुंचे थे और अगले दिन उससे मिलने के लिए पुलिस स्टेशन गए थे जहां उसे रखा गया था. मुलाकात के दौरान क्या बात हुई, इस बारे में उसके पिता ने कुछ नहीं बताया.
छात्र के पिता ने इन अटकलों से इनकार किया कि वह अपनी पत्नी से अलग हो गए हैं और कहा कि वह अपनी कृषि भूमि की देखभाल के लिए बिहार में रहते हैं. आरोपी को 23 मार्च को कामरूप जिले के हाजो में हिरासत में लिया गया और अगले दिन भारतीय दंड संहिता और यूएपीए की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. असम पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के महानिरीक्षक पार्थसारथी महंत ने पहले कहा था कि उनसे पूछताछ के बाद पुलिस को आईएसआईएस के साथ उनके संबंधों के विश्वसनीय सबूत मिले और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.
आईएसआईएस इंडिया के प्रमुख हारिस फारूकी उर्फ हरीश अजमल फारुखी और उसके सहयोगी अनुराग सिंह उर्फ रेहान को धुबरी जिले में गिरफ्तार किए जाने के तीन दिन बाद आईआईटी गुवाहाटी के छात्र को हिरासत में लिया गया था. एसटीएफ के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कल्याण कुमार पाठक ने संवाददाताओं को बताया था कि छात्र ने एक ईमेल भेजा था, जिसमें उसने दावा किया था कि वह आईएसआईएस में शामिल होने जा रहा है.
उनके होस्टल के कमरे में एक काला झंडा, "स्पष्ट रूप से आईएसआईएस के समान" पाया गया था और इसे विशेष एजेंसियों के पास सत्यापन के लिए भेजा गया है जो प्रतिबंधित संगठनों से निपटते हैं.