पाकिस्तान सीमा पर निगरानी बढ़ाने के लिए सेना को मिलेंगे दृष्टि-10 ड्रोन : रिपोर्ट

दृष्टि-10 ड्रोन के नाम से जाने जाने वाले हर्मीस-900 की सप्लाई अदाणी डिफेंस सिस्टम्स की ओर से भारतीय सैन्य बलों को की जा रही है.

Advertisement
Read Time: 3 mins
पहला हर्मीस-900 इस साल जनवरी में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था.
नई दिल्ली:

भारतीय सेना (Indian Army) को पाकिस्तान सीमा पर अपनी निगरानी की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए 18 जून को पहला हर्मीस-900 स्टारलाइनर ड्रोन हासिल होगा. सेना ने इसके लिए तैयारी कर ली है. दृष्टि-10 ड्रोन (Drishti-10 drone) के नाम से पहचाने जाने वाले हर्मीस-900 की सप्लाई अदाणी डिफेंस सिस्टम्स (Adani Defence Systems) की ओर से भारतीय सेना, नौसेना सहित देश के अन्य  सैन्य बलों को की जा रही है.

रक्षा विभाग के अधिकारियों ने कहा, "भारतीय सेना को मिलने वाले दो ड्रोनों में से पहला ड्रोन 18 जून को हैदराबाद में सेना को सौंपा जाएगा. इसकी सप्लाई रक्षा मंत्रालय द्वारा बलों को दी गई आपातकालीन शक्तियों के तहत हस्ताक्षरित सौदे के हिस्से के रूप में की जा रही है." 

Advertisement

अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सेना अपने बठिंडा बेस पर ड्रोन तैनात करेगी. वहां से सेना पाकिस्तान के साथ पूरी पश्चिमी सीमा पर नजर रख सकेगी.

पहला हर्मीस-900 इस साल जनवरी में भारतीय नौसेना को सौंपा गया था. दूसरा ड्रोन सेना को दिया जा रहा है. इसके बाद अब तीसरा ड्रोन नौसेना को और चौथा सेना को सप्लाई किया जाएगा.

'मेक इन इंडिया' के तहत सप्लाई

भारतीय सेना ने आपातकालीन प्रावधानों के तहत फर्म से इनमें से दो ड्रोन के लिए ऑर्डर दिया है. इसके अनुसार विक्रेताओं द्वारा सप्लाई की जाने वाली प्रणालियां 60 प्रतिशत से अधिक स्वदेशी होनी चाहिए और यह रक्षा में 'मेक इन इंडिया' के तहत होनी चाहिए.

भारतीय सेना पहले से ही हेरॉन मार्क-1 और मार्क-2 ड्रोन को ऑपरेट कर रही है. सेना ने बलों के लिए सरकार की ओर से एप्रूव्ड आपातकालीन खरीद की अंतिम किश्त के तहत दृष्टि-10 (हर्मीस-900) ड्रोन के लिए ऑर्डर दिए हैं.

Advertisement

70 प्रतिशत स्वदेशीकरण किया गया

अदाणी डिफेंस ने ड्रोन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए इजरायली फर्म एल्बिट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. कंपनी ने कहा था कि उसने 70 प्रतिशत स्वदेशीकरण कर लिया है और इसे और बढ़ाने के लिए काम करेगी.

भारतीय सेना ने इजरायल से अधिक उपग्रह संचार-सक्षम ड्रोन को भी शामिल किया है. इसमें इजरायली विमान उद्योगों के साथ सीधे सौदे में कुछ हेरॉन मार्क 2 ड्रोन भी हैं.

Advertisement

भारतीय नौसेना पाकिस्तान के लगी समुद्री सीमा के साथ-साथ ऊंचे समुद्रों क्षेत्रों पर नजर रखने के लिए पोरबंदर में ड्रोन तैनात करने जा रही है, क्योंकि इसमें 30 घंटे से अधिक समय तक उड़ान भरने और एक बार में लगभग 2,000 किलोमीटर की दूरी तय करने की क्षमता है.

(Disclaimer: New Delhi Television is a subsidiary of AMG Media Networks Limited, an Adani Group Company.)

Featured Video Of The Day
West Bengal के Lakshmikanta Pur में बीच सड़क पर महिला की बेरहमी से पिटाई | India@9 | NDTV India
Topics mentioned in this article