सेना ने फौज की संख्या एक लाख बढ़ाने का प्रस्ताव दिया

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भारत की सीमा के साथ चीनी सेना की बढ़ती ताकतों के मद्देनजर सेना ने अपनी संख्या में करीब एक लाख बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है।

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नई दिल्ली: भारत की सीमा के साथ चीनी सेना की बढ़ती ताकतों के मद्देनजर सेना ने अपनी संख्या में करीब एक लाख बढ़ोतरी करने का प्रस्ताव दिया है। इसके अलावा पहाड़ी हमलावर कोर एवं पूर्वोत्तर में सेना को मजबूत करने का प्रस्ताव भी शामिल है। सैन्य सूत्रों ने कहा, हमने अपनी संख्या में 90 हजार से एक लाख तक की बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है और रक्षा मंत्रालय ने इसे मंजूरी दे दी है। प्रस्ताव को अभी वित्त मंत्रालय से मंजूरी मिलनी है। सेना की संख्या फिलहाल 11 लाख से ज्यादा है जिसमें 35 हजार से ज्यादा अधिकारी हैं। उन्होंने कहा कि सेना की संख्या में बढ़ोतरी चरणबद्ध तरीके से की जाएगी जिसमें पांच से छह वर्ष का समय लग सकता है। विस्तार योजना के बारे में पूछे जाने पर रक्षा राज्यमंत्री एमएम पल्लम राजू ने कहा, हम सीमा की सुरक्षा करने को इच्छुक हैं और ऐसा करने के लिए हम कदम उठाएंगे। जब भी हमें खतरा महसूस होगा, पर्याप्त उपाय किए जाएंगे। यह पूछने पर कि इस तरह की खबरें आ रही हैं कि चीन, भारत के साथ कारगिल की तरह का युद्ध कर सकता है, तो उन्होंने कहा, चीन की सीमा के साथ कोई विशेष खतरे वाली बात नहीं है। वह मानेकशॉ केंद्र में संवाददाताओं से बात कर रहे थे। सेना के प्रस्ताव के मुताबिक उसने पहाड़ी लड़ाकू कोर और चार पहाड़ी डिवीजन के गठन के लिए सरकार से सहयोग मांगा है। सेना ने उत्तराखंड और लद्दाख में दो स्वतंत्र हथियारबंद ब्रिगेड को भी तैनात करने की योजना बनाई है। मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव को सुरक्षा मामलों संबंधी कैबिनेट कमिटी के समक्ष रखा जाएगा और फिर वित्तीय मंजूरी के लिये भेजा जाएगा। इन अतिरिक्त सैनिकों में से कुछ को अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह में भी भेजा जाएगा जहां फिलहाल सेना का उभयचर ब्रिगेड तैनात है। सेना की योजना वहां डिवीजन बनाने की है। आधुनिकीकरण और विस्तार योजना में चीन की सीमा के साथ दूरवर्ती इलाकों में नयी हवाई पट्टी और हेलीपैड का निर्माण करना भी शामिल है। चीन द्वारा अपने भूभाग में सैन्य ढांचागत निर्माण के बाद अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिये भारत कई कदम उठा रहा है। यह चीन की सीमा के साथ कूटनीतिक सड़कों का निर्माण कर रहा है और अरुणाचल प्रदेश में सुपरसोनिक ब्रह्मोस क्रूज मिसाइलों की तैनाती कर रहा है और असम के इलाकों में एसयू-30 एमकेआई विमानों की तैनाती कर रहा है।
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