सेना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों ने मंगलवार को जी-20 बैठक से पहले रणनीतिक रूप से अहम 270 किलोमीटर लंबे जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरक्षा की समीक्षा की. तीसरी जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक 22 से 24 मई तक श्रीनगर में होने वाली है.
सेना की जम्मू स्थित व्हाइट नाइट कोर ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, "रामबन में भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समन्वित तरीके से सुरक्षा परिदृश्य के लिए प्रतिक्रिया को बेहतर करने के लिए टेबल टॉप अभ्यास किया गया."
जी-20 सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया, "पूरा केंद्र शासित प्रदेश उच्च स्तरीय अलर्ट पर है. विशेष कर श्रीनगर और गुलमर्ग के आसपास सुरक्षा को बढ़ाया गया है, क्योंकि आने वाले प्रतिनिधि इन स्थानों की यात्रा करेंगे."
यह सुनिश्चित करने के लिए कि पाकिस्तान द्वारा कोई स्लीपिंग मॉड्यूल सक्रिय तो नहीं किया गया है, एनआईए ने घाटी में विशेष रूप से दक्षिण कश्मीर में तलाशी अभियान तेज किया है.
एक एनआईए अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंक, हिंसा और विध्वंस फैलाकर शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित करने के सक्रिय आतंकवादी संगठन और उनकी शाखाओं/सहयोगियों के प्रयासों के खिलाफ शिकंजा कसने की कोशिश की जा रही है.
15 दिन में 70 तलाशी
उनके अनुसार, पाकिस्तान अपने मंसूबों में कामयाब ना हो, इसके लिए एनआईए लगातार छापेमारी कर रही है. महीने के पहले पखवाड़े में 70 तलाशी ली जा चुकी है. उन्होंने कहा कि ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के खिलाफ तलाशी के बाद कानूनी कार्रवाई की जा रही है, जो कोरियर या बिचौलिये के रूप में काम कर रहे थे.
पाकिस्तान फैला रहा है आतंक
NIA की जांच में ये भी सामने आया है कि कुछ मैग्नेटिक बम की सप्लाई के काम से जुड़े थे. वैसे जम्मू-कश्मीर में सक्रिय सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार इस बात के ढेर सारे सबूत हैं कि पाकिस्तान पिछले कुछ हफ्तों से सीमा पार से आतंक फैला रहा है. एक सूत्र ने खुलासा किया, "पाकिस्तान ने लगभग 30 विदेशी आतंकवादियों को भी सक्रिय किया है, जो एक साल से अधिक समय से घाटी में छिपे हुए हैं."
युवाओं को भड़काने की कोशिश
उनके अनुसार इंटरसेप्टेड चैट से यह भी संकेत मिलता है कि पाकिस्तान घाटी में युवाओं को भड़काने के लिए एन्क्रिप्टेड संदेशों का उपयोग कर रहा है. दिलचस्प बात यह है कि केंद्र ने इस महीने की शुरुआत में दर्जन से अधिक मोबाइल मैसेंजर ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिनका इस्तेमाल पाक संचालकों द्वारा ओजीडब्ल्यू को संदेश भेजने के लिए किया जाता था.
20 देशों के प्रतिनिधि ले सकते हैं भाग
श्रीनगर में जी20 शिखर सम्मेलन जम्मू-कश्मीर का पहला महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम होगा, जो जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को बढ़ावा देने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है. अमेरिका, कनाडा, चीन, भारत और जापान सहित 20 देशों के प्रतिनिधियों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने की संभावना है.
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