सेना में भर्ती को लेकर नए नियमों को लाने की तैयारी की जा रही है. चीफ टूर ऑफ ड्यूटी को लेकर जल्द ही कई अहम घोषणाएं की जाने की संभावना जताई जा रही है. इसके तहत 40 से 50 हजार जवानों की भर्ती होगी. इनकी करीब साढ़े तीन से चार साल की नौकरी होगी. चार साल की नौकरी के बाद 75 फीसदी लोग निकल जाएंगे. 25 फीसदी लोग ही आगे फौज में नौकरी कर सकेंगे.
बताया जा रहा है कि संभवत: इस तरीके की घोषणा पहली बार होने जा रही है. सेना में एज प्रोफाइल भी घटने का अनुमान लगाया जा रहा है. वेतन भी कम हो सकता है. इनको पेंशन नही मिलेगी. बता दें कि हर साल 60,000 लोग रिटायर होते हैं. बता दें कि करीब दो ढाई साल से फौज में जवानों की भर्ती कोरोना की वजह से नहीं हो रही है
वहीं केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) पद पर नियुक्ति के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को सीडीएस पद के लिए पात्र अधिकारियों के दायरे को विस्तृत करते हुए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, इसके तहत अब नौसेना और वायुसेना में सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल या उनके समकक्ष भी सीडीएस बन सकते हैं. यह दिशानिर्देश तीनों सेनाओं के दूसरे सर्वश्रेष्ठ सक्रिय रैंक के अधिकारियों के लिए अपने सेना प्रमुख-वायुसेना प्रमुख और नौसेना प्रमुख जैसे वरिष्ठ को 'सुपरसीड' कर सीडीएस बनने का मार्ग प्रशस्त करते हैं .
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