ये शतरंज खेलने जैसा था... ऑपरेशन सिंदूर की कैसे हुई थी प्लानिंग, आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी ने बताया

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद 23 अप्रैल को, अगले ही दिन, हम सब बैठे. रक्षा मंत्री ने भी पहली बार कहा कि ‘अब बहुत हो गया’तीनों सेना प्रमुख इस बात पर एकमत थे कि कुछ किया जाना चाहिए. हमनें फ्री हैंड दिया गया कि जो करना है, आप तय करें. यह राजनीतिक दिशा और स्पष्टता का उदाहरण था.

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  • भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर खुलकर अपनी बात रखी
  • भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ग्रे ज़ोन में हुआ
  • 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद सेना को फ्री हैंड मिला, जिससे ऑपरेशन की शुरुआत हुई
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नई दिल्ली:

भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहली बार ऑपरेशन सिंदूर की योजना, रणनीति और क्रियान्वयन पर खुलकर बात की. IIT मद्रास में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन पूरी तरह से “ग्रे ज़ोन” में हुआ. यानी पारंपरिक युद्ध से थोड़ा अलग, अप्रत्याशित और लगातार बदलती परिस्थितियों वाला. उन्होंने इसकी तुलना शतरंज की बाजी से की, जहां हर चाल के बाद दुश्मन की प्रतिक्रिया अनिश्चित थी और अगले कदम का अंदाजा लगाना चुनौतीपूर्ण था. 

हमें फ्री हैंड मिला...जनरल द्विवेदी

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी. अगले दिन 23 अप्रैल को रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुखों की बैठक हुई, जहां यह साफ संदेश दिया गया. अब बहुत हो गया. पहली बार सेनाओं को राजनीतिक स्तर पर इतनी स्पष्टता और खुली छूट दी गई.  जनरल द्विवेदी के मुताबिक, “हमें फ्री हैंड मिला कि जो करना है, हम तय करें.”

25 अप्रैल को सेना प्रमुख उत्तरी कमान पहुंचे. वहीं योजना बनी, ऑपरेशन की अवधारणा तैयार हुई और क्रियान्वयन शुरू हुआ. कुछ ही दिनों में नौ में से सात आतंकी ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए और बड़ी संख्या में आतंकियों का सफाया हुआ.  29 अप्रैल को प्रधानमंत्री से पहली समीक्षा बैठक हुई.

शतरंज की तरह ग्रे ज़ोन में हुआ ऑपरेशन

जनरल द्विवेदी ने समझाया, “ग्रे ज़ोन का मतलब है कि हम पारंपरिक सैन्य ऑपरेशन नहीं कर रहे थे, बल्कि उससे थोड़ा कम स्तर का, लेकिन उतना ही रणनीतिक अभियान चला रहे थे. हम एक चाल चलते थे, दुश्मन चाल चलता था. कहीं हम उसे चेकमेट कर रहे थे, तो कहीं अपनी जान जोखिम में डालकर वार कर रहे थे.”

वायुसेना का बड़ा खुलासा

बताते चलें कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के छह विमान मार गिराए जाने का दावा किया है. इनमें पांच लड़ाकू विमान और एक एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (AEW&C) इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस विमान शामिल था.  यह सभी विमानों को एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया. 

इसके अलावा, पाकिस्तानी जैकोबाबाद एयरबेस और बोलारी एयरबेस पर खड़े विमानों और ठिकानों पर भी सटीक हमले किए गए.  AEW&C विमान को बोलारी एयरबेस पर ध्वस्त किया गया, जो पाकिस्तान की हवाई निगरानी और खुफिया नेटवर्क का अहम हिस्सा था. 

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पाकिस्तान नैरेटिव मैनेजमेंट कर रहा है

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि कोई भी पाकिस्तानी विमान नष्ट नहीं हुआ. इस पर जनरल द्विवेदी ने तंज कसा कि युद्ध में नैरेटिव मैनेजमेंट की अहम भूमिका होती है. अगर आप किसी पाकिस्तानी से पूछेंगे कि जीते या हारे, तो वह कहेगा कि असीम मुनीर को फील्ड मार्शल बनाया गया है, तो अवश्य जीते होंगे. 

ऑपरेशन का क्या था उद्देश्य? 

मई में चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का मकसद पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ढांचे को नष्ट करना और उनके नेताओं को खत्म करना था.  ऑपरेशन में सेना और वायुसेना के बीच सटीक तालमेल, त्वरित प्रतिक्रिया और आधुनिक हथियारों के इस्तेमाल का प्रभावी उदाहरण देखने को मिला. 

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जनरल द्विवेदी ने कहा कि जिंदगी में भी और युद्ध में भी, कभी आपको चाल सोचकर चलनी होती है और कभी जोखिम उठाकर.  ऑपरेशन सिंदूर ने हमें सिखाया कि ग्रे ज़ोन में भी जीत हासिल की जा सकती है, अगर टीमवर्क और नेतृत्व स्पष्ट हो. 

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