तैयारियों में ढील नहीं, सरहद पर डटे जवान.. आर्मी चीफ उपेंद्र द्विवेदी का LAC का दौरा

भारत और चीन के बीच फिलहाल टकराव वाले हालात नहीं हैं. पूर्वी लद्दाख में विवाद वाली जगहों से दोनों देशों की सेनाएं अक्टूबर 2024 वाली स्थिति से पीछे हट गई हैं, लेकिन फिर भी दोनों देशों के सैनिक और अपने अत्याधुनिक हथियारों के साथ सरहद पर डटे हैं.

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सेना प्रमुख ने सिक्किम में लिया LAC का जायजा.
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  • सेना प्रमुख जनरल द्विवेदी ने सिक्किम में LAC पर तैनात ब्लैक कैट डिवीजन की चौकियों का दौरा किया.
  • भारत और चीन के बीच कुल LAC की लंबाई 3,488 किलोमीटर है जिसमें सिक्किम की सीमा दो सौ बीस किलोमीटर है.
  • सिक्किम के दक्षिण में सिलिगुड़ी कॉरिडोर देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों को मुख्य भारत से जोड़ने वाली अहम कड़ी है.
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सिक्किम:

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सिक्किम में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सामरिक तैयारियों का जायजा लिया. मंगलवार को यहां पहुंचे सेना प्रमुख ने सीमा पर तैनात ब्लैक कैट डिवीजन की अग्रिम चौकियों का दौरा किया. जनरल द्विवेदी ने यहां स्वदेशी ड्रोनों का प्रदर्शन भी देखा. बता दें कि जनरल द्विवेदी ने हाल ही में चाणक्य रक्षा संवाद में चीन के साथ सीमा पर हालात पहले से बहुत बेहतर होने की बात की थी.

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तैयारियों में ढील नहीं

भारत और चीन के बीच कुल 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा है. यह जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है. इसमें सिक्किम में चीन से सटी सीमा की लंबाई 220 किमी है. अपने सिक्किम दौरे में सेना प्रमुख ने स्थानीय स्तर पर तैनात कमांडरों के साथ जमीनी हालात की समीक्षा की. सेना के सूत्रों ने बताया कि चीन के साथ बेशक रिश्ते सुधर रहे हैं, लेकिन सीमा पर तैयारियों में कोई भी ढील नहीं दी जाएगी. सिक्किम में एलएसी पर तैनात ब्लैक कैट डिवीजन सेना की महत्वपूर्ण सीमा सुरक्षा इकाइयों में से एक है. सिक्क्मि का सामरिक महत्व इस नाते भी है इसकी सीमा चीन के अलावा नेपाल और भूटान से भी मिलती है.

हॉट लाइन की व्यवस्था

हालांकि भारत और चीन के बीच फिलहाल टकराव वाले हालात नहीं हैं. पूर्वी लद्दाख में विवाद वाली जगहों से दोनों देशों की सेनाएं अक्टूबर 2024 वाली स्थिति से पीछे हट गई हैं, लेकिन फिर भी दोनों देशों के सैनिक और अपने अत्याधुनिक हथियारों के साथ सरहद पर डटे हैं. पूर्वी लद्धाख में मई 2020 में भारत और चीन की सेनाएं आमने सामने आ गई थीं. बाद में तनाव को बेहतर ढ़ंग से सुलझाने के लिये दोनों देशों के बीच हॉट लाइन की व्यवस्था भी की गई, जिससे सीमाई इलाके में आपसी भरोसा और सौहार्द को पहले जैसा बढ़ाया जा सके. सूत्रों के मुताबिक फिलहाल भारत और चीन के बीच छह हॉटलाइन सक्रिय हैं. इनमें से दो पूर्वी लद्दाख में, दो सिक्किम में और दो अरुणाचल प्रदेश में है. इसके अलावा जमीनी स्तर पर दोनों देशों के सेनाओं के बीच विवाद होने पर सुलझाने के लिये एक ढांचा भी बना हुआ है.

सिलिगुड़ी कॉरिडोर

सिक्किम के दक्षिण में अत्यंत संवेदनशील और रणनीतिक गलियारा सिलिगुड़ी कॉरिडोर भी है. लगभग 170x60 किमी के क्षेत्रफल वाला यह संकरा इलाका नेपाल, भूटान और बांग्लादेश से सटा है. इसका सबसे पतला हिस्सा केवल 20–22 किमी चौड़ा है. यह देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों को शेष भारत से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण जीवनरेखा है. यहां प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे लाइनें, पाइपलाइनें और ऑप्टिकल फाइबर कनेक्टिविटी भी हैं. माना जाता है कि इसी इलाके को देश से अलग करने पर देश के दुश्मनों की नजर बराबर लगी रहती है. हालांकि सेना के टॉप कमांडरों का यह भी कहना है कि चिकन नेक नाम से प्रसिद्ध इस गलियारे के आसपास भारत के इतने सैनिक तैनात हैं कि दुश्मन की किसी भी नापाक हरकत का समय रहते जवाब दिया जा सकता है. यानी दुश्मन यहां कुछ भी करने से पहले सैकड़ों बार सोचेगा. सुरक्षा हलकों में इसलिए भी चिंता और बढ जाती है कि जिस तरह से हाल के दिनों में बांग्लादेश, पाकिस्तान और चीन की तिकड़ी जुटी है, उससे इनके इरादों को लेकर हमेशा संशय पैदा होता है.

सिक्किम सीएम से मुलाकात

जनरल द्विवेदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग से भी मुलाकात की. मुख्यमंत्री तमांग ने एक्स पर लिखा कि उन्हें सेना प्रमुख और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों से मिलकर खुशी हुई. तमांग ने कहा कि इस अवसर पर राष्ट्रीय सुरक्षा, रणभूमि दर्शन, सैन्य‑सिविल समन्वय और पूर्व सैनिकों के कल्याण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई.

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