सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने शनिवार को जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को आश्वासन दिया कि सशस्त्र बल और सुरक्षा एजेंसियां जम्मू में बढ़ती आतंकवादी गतिविधियों से निपटने और शांति एवं स्थिरता बनाए रखने के लिए 'तालमेल से अभियान' संचालित करेंगी.
अधिकारियों ने बताया कि राजभवन और पुलिस मुख्यालय में हुई बैठक में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशकों, खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों और अन्य वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी भी शामिल हुए.
सिन्हा ने सुरक्षा स्थिति पर सेना प्रमुख, विभिन्न सुरक्षा एवं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के प्रमुखों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की और उनसे जम्मू संभाग में समन्वित आतंकवाद रोधी अभियान सक्रियता से चलाने को कहा.
उपराज्यपाल ने कहा, ‘‘हमें आतंकवादियों और उन्हें सहायता देने वालों का सफाया करने के लिए सभी एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल के साथ सावधानीपूर्वक आतंकवाद रोधी अभियान शुरू करना चाहिए.''
तीस जून को भारतीय सेना के 30वें प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालने के बाद तीन सप्ताह से भी कम समय में सेना प्रमुख का जम्मू का यह दूसरा दौरा है. आठ और 15 जुलाई को कठुआ के माचेडी और डोडा के देसा वन क्षेत्रों में हुए दो अलग-अलग आतंकवादी हमलों में एक कैप्टन समेत नौ सैन्यकर्मी शहीद हो गए थे.
भारतीय सेना के अतिरिक्त लोक सूचना महानिदेशालय (एडीजीपीआई) ने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा कि जम्मू में 'संयुक्त सुरक्षा समीक्षा बैठक' का उद्देश्य क्षेत्र में आतंकवादियों और राष्ट्र विरोधी तत्वों के दुर्भावनापूर्ण मंसूबों को विफल करना था.
एडीजीपीआई ने कहा कि सेना प्रमुख (सीओएएस) ने सिन्हा से मुलाकात की और क्षेत्र में मौजूदा सुरक्षा स्थिति पर विचार-विमर्श किया. बयान में कहा गया, ''सेना प्रमुख ने उपराज्यपाल को वर्तमान स्थिति से निपटने और क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा समन्वित दृष्टिकोण अपनाने का आश्वासन दिया.''
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