"मानवता का भाव रखना कमज़ोरी नहीं है..." : मणिपुर में शांति बहाली के लिए सेना की वीडियो अपील

Manipur Violence: सेना ने कल देर शाम कहा कि महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और पूर्वोत्तर राज्य में सुरक्षा बलों के अभियानों में हस्तक्षेप कर रही हैं.

Advertisement
Read Time: 24 mins
मणिपुर हिंसा: सेना ने सोशल मीडिया पर साझा किया वीडियो

भारतीय सेना ने हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लोगों से उनके प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया है. सेना ने कल देर शाम कहा कि महिला कार्यकर्ता जानबूझकर पूर्वोत्तर राज्य में मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के अभियानों में हस्तक्षेप कर रही हैं. इसने ट्विटर पर ऐसे उदाहरणों को उजागर करते हुए एक वीडियो साझा किया, जिसमें पिछले सप्ताह का गतिरोध भी शामिल है. जब सेना को - मणिपुर के इथम गांव में 1,200 लोगों की महिलाओं के नेतृत्व वाली भीड़ से घिरे होने के बाद - नागरिकों की जान बचाने के लिए 12 उग्रवादियों को छोड़ना पड़ा.

Advertisement

भारतीय सेना के स्पीयर कोर ने एक ट्वीट में कहा, "मणिपुर में महिला कार्यकर्ता जानबूझकर मार्गों को अवरुद्ध कर रही हैं और सुरक्षा बलों के संचालन में हस्तक्षेप कर रही हैं. इस तरह का अनुचित हस्तक्षेप जीवन और संपत्ति को बचाने के लिए गंभीर परिस्थितियों के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा समय पर प्रतिक्रिया के लिए हानिकारक है. भारतीय सेना आबादी के सभी वर्गों से शांति बहाल करने के हमारे प्रयासों का समर्थन करने की अपील करती है.“ सेना ने पहले "परिपक्व निर्णय" लेने के लिए इथम गांव ऑपरेशन के प्रभारी कमांडर की सराहना की थी, जिसने "भारतीय सेना का दरियादिली से रूबरू कराया था.

सेना का शेयर किया गया वीडियो

Advertisement

इसमें कहा गया है, ''महिलाओं के नेतृत्व वाली एक बड़ी क्रोधित भीड़ के खिलाफ गतिज बल के इस्तेमाल की संवेदनशीलता और इस तरह की कार्रवाई के कारण संभावित हताहतों को ध्यान में रखते हुए, सभी 12 कैडरों को स्थानीय नेता को सौंपने का एक विचारशील निर्णय लिया गया.'' सेना और भीड़ के बीच शनिवार को पूरे दिन गतिरोध जारी रहा. महिलाओं के नेतृत्व में भीड़ ने सेना की टुकड़ी को घेर लिया और ऑपरेशन में आगे बढ़ने से रोक दिया.

Advertisement

आक्रामक भीड़ से सुरक्षा बलों को अपना अभियान जारी रखने देने की बार-बार की गई अपील का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला, जिसके बाद सेना ने आतंकवादी समूह कांगलेई यावोल कन्ना लूप (केवाईकेएल) के 12 सदस्यों को रिहा करने का फैसला किया. सेना ने कहा कि यह समूह कई हमलों में शामिल था, जिसमें 2015 में 6 डोगरा यूनिट पर घात लगाकर किया गया हमला भी शामिल था. गांव में छिपे लोगों में मोइरांगथेम तंबा उर्फ उत्तम भी शामिल था, जो एक वांछित आतंकवादी था, जो कि डोगरा में घात लगाकर किए गए हमले का  मास्टरमाइंड हो सकता था.

Advertisement

ये भी पढ़ें : ''एक नई शुरुआत'': नवजोत सिद्धू ने अपनी होने वाली बहू की तस्वीर सोशल मीडिया पर की साझा

Advertisement

ये भी पढ़ें : NIA का दावा- दाऊद इब्राहिम की तरह गैंग चला रहा है लॉरेंस बिश्नोई, जानिए उसकी पूरी क्राइम कुंडली

Featured Video Of The Day
Rahul Gandhi Lok Sabha Speech: Rahul Gandhi के बतौर नेता प्रतिपक्ष पहले Speech में क्या ख़ास रहा?