भारत में ऐपल लगातार सफलता की बुलंदियों को छू रही है. कंपनी ने 2021 में भारत में आईफोन के निर्माण की शुरुआत की थी और अब कंपनी का यह फैसला बिलकुल खरा उतरता नजर आ रहा है. चीन से भारत शिफ्ट हुई आईफोन मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के लिए 2024 शानदार रहा है. ऐपल ने पिछले साल 2024 में 12.8 अरब डॉलर (1.08 लाख करोड़ रुपये) से अधिक मूल्य के आईफोन निर्यात किए हैं. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसे स्मार्टफोन पीएलआई के लिए एक और मील का पत्थर बताया है.
इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, एक सरकारी अधिकारी ने स्मार्टफोन के लिए प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना की सफलता के बारे में बताते हुए कहा कि भारत से किसी एक उत्पाद के निर्यात के मामले में ऐपल की एक साल की उपलब्धि अद्वितीय है.
निर्यात में सबसे बड़ा हिस्सा फॉक्सकॉन का
साथ ही शुरुआती आंकड़ों से यह पता चला है कि 12.8 अरब डॉलर के निर्यात में एप्पल अनुबंध निर्माता फॉक्सकॉन (होन हई) का हिस्सा 54 फीसदी था. इसके बाद टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (29%) और पेगाट्रॉन (17%) का स्थान था. पेगाट्रॉन का हाल ही में टाटा ने अधिग्रहण किया है. पीएलआई योजना के सभी लाभार्थियों को उत्पादन, निर्यात और नौकरियों का डेटा सरकार को जमा कराना जरूरी है.
अनुमानों के अनुसार, ऐपल के घरेलू उत्पादन में एक साल पहले की तुलना में करीब 46 फीसदी का इजाफा हुआ है और यह बढ़कर 17.5 अरब डॉलर (1.48 लाख करोड़ रुपये) तक हो गया है. टेक दिग्गज ने पिछले वित्त वर्ष (वित्त वर्ष 2024) में भारत में 14 अरब डॉलर के आईफोन मैन्युफैक्चर और एसेंबल किए, जिसमें 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के आईफोन का निर्यात किया गया था.
केंद्रीय मंत्री ने बताया मील का पत्थर
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि को स्मार्टफोन पीएलआई के लिए एक और मील का पत्थर बताया है. उन्होंने अपनी एक एक्स पोस्ट में कहा कि ऐपल ने कैलेंडर ईयर 2024 में एक लाख करोड़ रुपये मूल्य के आईफोन का निर्यात किया है. साथ ही कहा कि ऐपल ईकोसिस्टम विशेष रूप से महिलाओं के लिए रोजगार निर्माता के रूप में उभरा है. साथ ही कहा कि फाइनेंशियल ईयर 2025 में 20 अरब डॉलर के स्मार्टफोन निर्यात के पार करने का लक्ष्य है.
ऐपल के आने से 1.75 लाख नई नौकरियां
इस बीच, ऐपल इकोसिस्टम ने चार सालों के दौरान 1.75 लाख नई नौकरियां पैदा की गई तो इनमें 72 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं. 2024 भारत में एप्पल के लिए बेहतरीन रहा. इस तकनीकी दिग्गज ने निर्यात के साथ-साथ घरेलू बिक्री के नए रिकॉर्ड बनाए, जो प्रीमियमाइजेशन के बढ़ते ट्रेंड, सरकार की पीएलआई योजना और एग्रेसिव खुदरा विस्तार से जुड़ी थी.
काउंटरपॉइंट रिसर्च में मोबाइल डिवाइस और इकोसिस्टम के शोध निदेशक तरुण पाठक के अनुसार, एप्पल ने युवाओं की पसंद का ख्याल रखते हुए एक मजबूत कंज्यूमर कनेक्ट स्थापित किया. कंपनी ने चैनल, मैन्युफैक्चरिंग के विस्तार के साथ मार्केटिंग कैंपेन पर भी खास ध्यान दिया और भारत में एक बड़ी हिस्सेदारी हासिल की.
पाठक ने कहा, "भारत में प्रीमियमाइजेशन, आसानी से उपलब्ध फाइनेंसिंग, प्रीमियम स्मार्टफोन की खरीदारी को बढ़ाता है, जिसके साथ एप्पल इस विशेष सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित कर फायदा उठाता है."
आने वाले वर्ष में भारत में एप्पल की वृद्धि महत्वपूर्ण गति के साथ जारी रहने की उम्मीद है, जिसे एग्रेसिव खुदरा विस्तार, टारगेटेड मार्केटिंग रणनीतियों और ग्राहकों की आकांक्षाओं को पूरा करने के साथ बल मिलेगा.
2025 में 50 अरब डॉलर का स्मार्टफोन बाजार!
इस बीच, प्रीमियमाइजेशन के चल रहे ट्रेंड और लोकल मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत के स्मार्टफोन बाजार का मूल्य 2025 तक 50 अरब डॉलर को पार करने का अनुमान है.
काउंटरपॉइंट के ‘इंडिया स्मार्टफोन आउटलुक' के लेटेस्ट रिसर्च के अनुसार, भारत के स्मार्टफोन बाजार का खुदरा औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) इस साल पहली बार 300 डॉलर के आंकड़े को पार करने की उम्मीद है.
एप्पल प्रीमियम और अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट में प्रतिस्पर्धी विकल्प पेश करके इस बदलाव का नेतृत्व कर रहा है. लोकल मैन्युफैक्चरिंग और अपने आईफोन लाइनअप में हाल ही में कीमतों में कटौती के कारण एप्पल को अपने प्रो मॉडल की मजबूत मांग देखने की उम्मीद है.