भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन. वी. रमण द्वारा मीडिया पर दिए गए बयान के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को कहा कि मीडिया घरानों को अपनी कार्यशैली पर आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. न्यायमूर्ति रमण ने कहा था कि मीडिया की ‘कंगारू अदालतें' लोकतंत्र के स्वास्थ्य के लिए खतरा हैं. आकाशवाणी में राष्ट्रीय प्रसारण दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकुर ने कहा कि न्यायमूर्ति रमण की टिप्पणी से मीडिया की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े होते हैं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि कहीं हम समाचार देते समय लक्ष्मण रेखा तो पार नहीं कर रहे हैं.” उन्होंने कहा, “मैं मीडिया में अपने दोस्तों से आग्रह करता हूं कि अगर उनकी ऐसी छवि बन रही है तो उन्हें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए.”
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण ने शनिवार को कहा कि मीडिया द्वारा चलाई जा रही ‘कंगारू अदालतें' और एजेंडा आधारित बहस लोकतंत्र के लिए हानिकारक हैं. उन्होंने कहा कि ‘मीडिया ट्रायल' से न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्ष कामकाज प्रभावित होता है.
वहीं अनुराग ठाकुर ने आकाशवाणी में उपस्थित सभा को संबोधित करते हुए कहा कि टेलीविजन और इंटरनेट के आने के बाद यह माना जाने लगा था कि रेडियो के सामने अस्तित्व का संकट पैदा हो सकता है. उन्होंने कहा कि लेकिन रेडियो ने अपने श्रोताओं को पहचाना और न केवल अपनी प्रासंगिकता बल्कि विश्वसनीयता को बरकरार रखा.
उन्होंने कहा, “जब लोग निष्पक्ष समाचार सुनना चाहते हैं तो वे स्वाभाविक रूप से आकाशवाणी और दूरदर्शन समाचार सुनते हैं. आकाशवाणी द्वारा देश के 92 प्रतिशत भूगोल और 99 प्रतिशत जनसंख्या तक पहुंचना एक सराहनीय उपलब्धि है.”