महाराष्ट्र में सियासी भूचाल के बीच मुंबई पुलिस में बड़ा फेरबदल, 86 अफसरों का तबादला

मंगलवार को मुंबई पुलिस पर लगे दाग को मिटाने के उद्देश्य से पीएसआई, एपीआई और पुलिस निरीक्षक स्तर पर बड़ा फेरबदल किया गया है. बता दें कि सचिन वाजे क्राइम ब्रांच में थे इसलिए सबसे ज्यादा फेरबदल क्राइम ब्रांच में किया गया है.

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मुंबई के नए पुलिस कमिश्नर हेमंत नगराले (फाइल फोटो)
मुंबई:

एंटीलिया केस (Antilia case) को लेकर मुंबई पुलिस (Mumbai Police) महकमें में बड़ा फेरबदल किया गया है. आपको बता दें कि इस मामले में API सचिन वाजे (Sachin Vaze) की गिरफ्तारी की पहली गाज मुंबई पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह (Mumbai Police Commissioner Parambir Singh) पर गिरी थी. इसके बाद हेमंत नगराले (Hemant Nagrale) को मुंबई के नए पुलिस आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया. हेमंत नगराले ने आते ही मुंबई पुलिस के लिए कठिन दौर बताया था. इसी बीच मंगलवार को मुंबई पुलिस पर लगे दाग को मिटाने के उद्देश्य से पीएसआई, एपीआई और पुलिस निरीक्षक स्तर पर बड़ा फेरबदल किया गया है. बता दें कि सचिन वाजे क्राइम ब्रांच में थे इसलिए सबसे ज्यादा फेरबदल क्राइम ब्रांच में किया गया है.

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क्राइम ब्रांच में कुल 65 अधिकारियों को पुलिस स्टेशन या फिर साइड पोस्टिंग दी गई है. कुल 86 पुलिस वालों का तबादला किया गया है.  CIU के एपीआई रियाजुद्दीन काजी को सशस्त्र बल में भेज दिया गया है. काजी सचिन वाजे के जूनियर थे और NIA में उनसे कई दिनों तक पूछताछ की थी.

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वहीं, ठाणे के ऑटो पार्ट्स डीलर मनसुख हिरेन के मौत के मामले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को विशेष अदालत को सूचित किया कि महाराष्ट्र एटीएस (ATS) हिरेन की हत्या के मामले को एनआईए को नहीं सौंप रही है. एनआईए ने अदालत को बताया कि 3 दिन हो गए हैं जब गृह मंत्रालय ने मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की जांच का आदेश एनआईए को दिया है. लेकिन एटीएस दस्तावेजों को नहीं सौंप रही है. एनआईए के सूत्रों के मुताबिक उन्होंने जरूरी प्रक्रिया का पालन करते हुए महाराष्ट्र डीजी कार्यालय को भी सूचित किया है, लेकिन फिर भी सहयोग नहीं मिला इसलिए हमें अदालत को सूचित करना पड़ा.

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गौरतलब है कि आज ही महाराष्ट्र ATS के प्रमुख जयजीत सिंह ने सचिन वाजे की कस्टडी के लिए 25 मार्च NIA की अदालत में अर्जी देने का दावा किया. वहीं, एंटीलिया केस में एक और कार की एंट्री हुई है. इस बार वॉल्वे कार जब्त की गई है. मनसुख मर्डर मामले की जांच कर रही ATS ने दमन से एक काले रंग की वॉल्वो कार जब्त की है. कार एक बडे कारोबारी की बताई जा रही है. लेकिन मनसुख हिरेन की हत्या में इसकी क्या भूमिका है. इसकी पड़ताल अभी बाकी है. इस कार के साथ ही इस मामले में जब्त की गई वाहनों की संख्या छह पहुंच गई है. यह सब 25 फरवरी को उस वक्त शुरू हुआ, जब विस्फोटक से लदी महिंद्रा स्कॉर्पियो कार मुकेश अंबानी के घर के पास मिली थी, इसके साथ ही उस कार में उनके परिवार के नाम धमकी भरा खत भी था. 

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हिरेन हत्याकांड मामले की जांच भी गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी को सौंप दी है. मुकेश अंबानी को धमकी देने के मामले की जांच भी एनआईए कर रही है. एनआईए को शक है कि निलंबित कर दिए गए पुलिस अधिकारी वाजे की स्कॉर्पियो खड़ी करने में भूमिका है. यह कार हिरेन की थी, जिसने 17 फरवरी को चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. इसके बाद 5 मार्च को हिरेन ठाणे में मृत पाए गए थे.

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एनआईए का मानना है कि इस मामले में मिली टोयटो इनोवा कार से सचिन वाजे ने स्कॉर्पियो को पीछा किया था. इसके बाद एनआईए ने कहा था कि विस्फोटक से लदी स्कॉर्पियो की नंबर प्लेट 17 मार्च को ब्लैक मर्सिडिज बेंज में मिली थी, जिसका इस्तेमाल भी सचिन वाजे ने किया था. इसके साथ ही उस कार से पांच लाख रुपए नकद और एक नोट गिनने की मशीन मिली थी. यह कार ठाणे के साकेत कॉम्पलेक्स के नजदीक सचिन वाजे के घर के पास पार्क मिली थी. इसके बाद दो और लग्जरी कार Toyota Land Cruiser Prado और Mercedes-Benz ML-Class मिली थी. 

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