NIA अदालत ने अखिल गोगोई के खिलाफ CAA विरोध प्रदर्शन के मामले में दोबारा शुरू की जांच

9 फरवरी को गुवाहाटी हाई कोर्ट ने एनआईए को गोगोई और तीन अन्य के खिलाफ मामले में आरोप तय करने की अनुमति दे दी थी. उच्च न्यायालय ने यह फैसला एनआईए की अपील पर सुनाया जिसमें चारों आरोपियों को एनआईए की विशेष अदालत से क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती दी गई थी.

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नई दिल्ली:

राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की विशेष अदालत ने गौहाटी उच्च न्यायालय के निर्देश पर, संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोध प्रदर्शनों के सिलसिले में असम के विधायक अखिल गोगोई और उनके तीन साथियों के खिलाफ गुरुवार को फिर मामला खोल दिया.

गोगोई के अधिवक्ता एनआईए की अदालत में उच्चतम न्यायालय के उस आदेश की प्रति सौंपी, जिसमें सीएए विरोधी आंदोलन और संदिग्ध माओवादी संबंध में गोगोई को 24 फरवरी तक गिरफ्तारी से राहत दी गयी है.

शीर्ष न्यायालय के फैसले पर विचार करने के बाद विशेष एनआईए न्यायाधीश प्रांजल दास ने मामले की सुनवाई 28 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी. इस बीच, गोगोई के सैकड़ों समर्थक उनके साथ एकजुटता प्रकट करने के लिए अदालत परिसर के बाहर खड़े हुए थे. गोगोई रायजोर दल के प्रमुख भी हैं.

गौरतलब है कि 9 फरवरी को गुवाहाटी हाई कोर्ट ने एनआईए को गोगोई और तीन अन्य के खिलाफ मामले में आरोप तय करने की अनुमति दे दी थी. उच्च न्यायालय ने यह फैसला एनआईए की अपील पर सुनाया जिसमें चारों आरोपियों को एनआईए की विशेष अदालत से क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती दी गई थी.

तीन आरोपियों में धाइज्या कोंवार, बिट्टू सोनवाल और मनस कोंवार शामिल हैं और सभी जमानत पर हैं. गोगोई एकमात्र थे जिनकी जमानत अर्जी अदालत ने खारिज कर दी थी. विशेष न्यायाधीश प्रंजाल दास की अदालत द्वारा तीन अन्य आरोपियों के साथ उन्हें आरोप मुक्त किए जाने के बाद 567 दिन जेल में बिताने के बाद वह रिहा हुए.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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