यूपी में एसआईआर में लगे एक और बीएलओ की हुई मौत, घर की सीढ़ियों से उतरते समय लुढ़के

UP में SIR में लगे एक बीएलओ की मंगलवार सुबह अचानक मौत हो गई. यह घटना हाथरस जिले की है. मृतक बीएलओ के परिवार ने आरोप लगाया है कि एसआईआर के दौरान अधिकारियों द्वारा लगातार दबाव और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी.

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उत्तर प्रदेश में इन दिनों जारी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में लगे एक बूथ लेबल अधिकारी (बीएलओ) की मंगलवार सुबह अचानक मौत हो गई.यह घटना हाथरस जिले की है. मृतक बीएलओ के परिवार ने आरोप लगाया है कि एसआईआर के दौरान अधिकारियों द्वारा लगातार दबाव और मानसिक प्रताड़ना दी जा रही थी.

कहां के रहने वाला था बीएलओ

मिली जानकारी के मुताबिक 40 साल के बीएलओ कमलकांत शर्मा की मंगलवार सुबह अचानक मौत हो गई. वो हाथरस की तहसील सिकंद्राराऊ के ब्राह्मणपुरी मोहल्ले के निवासी थे. बताया जा रहा है कि सुबह छत से सीढ़ियों से नीचे उतरते समय उन्हें अचानक चक्कर आया और वे नीचे गिर पड़े. इसके बाद परिजन उन्हें तत्काल पास के अस्पताल ले गए. वहां से डॉक्टरों ने उन्हें अलीगढ़ रेफर कर दिया. लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.

कमलकांत शर्मा पुत्र देवेंद्र कुमार शर्मा गांव नावली लालपुर में सहायक अध्यापक के पद पर तैनात थे. वर्तमान में वो बीएलओ की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे. बीएलओ की पत्नी नीलम शर्मा ने बताया कि उनके पति पर काम का अत्यधिक दबाव था. उन्होंने कहा कि अधिकारियों के लगातार फोन आ रहे थे. नीलम शर्मा के मुताबिक मैंने कई बार समझाया कि काम का इतना प्रेशर मत लो, लेकिन वे मानते नहीं थे. सुबह अचानक चक्कर आकर गिर पड़े और फिर वापस नहीं लौटे. शर्मा के परिवार पत्नी के अलावा चार बच्चे हैं. 

अधिकारियों ने परिवार को दिया यह आश्वासन

बीएलओ की मौत की सूचना मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया. सिकंद्राराऊ के एसडीएम और सीओ तुरंत मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने परिजनों से पूरे मामले की जानकारी ली. इसके बाद डीएम अतुल वत्स और एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा भी मृतक के घर पहुंचे. अधिकारियों ने शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधाया. प्रशासनिक अधिकारियों ने घटना की विस्तृत जानकारी लेने के साथ परिजनों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है. शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है.  रिपोर्ट आने के बाद मृत्यु के कारणों की आधिकारिक पुष्टि होगी.

उत्तर प्रदेश में अब तक आठ बीएलओ की मौत हो चुकी है.यह यूपी में बीएलओ की  मौत का नौवां मामला था. जिन बीएलओ की मौत हुई है, इनमें से तीन ने आत्महत्या की है. बीएलओ की आत्महत्या के ये मामले गोंडा, फतेहपुर और मुरादाबाद जिले में हुए हैं. एसआईआर में लगे सरकारी कर्मचारी काम का अत्यधिक दबाव बता रहे हैं. 

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