रांची में 12 से 14 जुलाई तक आयोजित होने वाले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों और उसकी तैयारियों पर मंथन होगा. वर्ष 2025 की विजयादशमी पर संघ के 100 साल पूरे हो रहे हैं. संघ प्रमुख मोहन भागवत इस बैठक में भाग लेने के लिए मंगलवार को ही रांची पहुंच चुके हैं. यहां उनका दस दिनों तक प्रवास का कार्यक्रम है. प्रांत प्रचारकों की वार्षिक बैठक के अलावा वह संघ की विचारधारा वाले संगठनों के पदधारियों और कार्यकर्ताओं से भी संवाद करेंगे.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि रांची के सरला बिरला स्कूल परिसर में आयोजित हो रही तीन दिवसीय वार्षिक बैठक में संगठनात्मक विस्तार की योजनाओं पर चर्चा होगी. इस समय संघ की 73 हजार शाखाएं हैं और हमारा लक्ष्य उसे बढ़ाकर एक लाख तक ले जाने का है. देशभर में 10-15 गांवों के समूह पर मंडल स्तरीय संगठन बनाए जाने की योजना है.
सुनील आंबेकर ने बताया कि बैठक के दौरान प्रांत प्रचारक मई-जून में हुए आरएसएस प्रशिक्षण शिविरों की भी समीक्षा करेंगे. पूरे देश में संघ की संगठन योजना के तहत 46 प्रांत हैं, जहां के प्रचारक पूर्णकालिक संघ कार्यकर्ता होते हैं और संगठनात्मक प्रांतों के प्रभारी होते हैं. वार्षिक बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सभी सहसरकार्यवाह कृष्णगोपाल, सीआर. मुकुंद, अरुण कुमार, रामदत्त, आलोक कुमार, अतुल लिमये भी शामिल होंगे.