तमिलनाडु में आखिर '0' लाकर भी क्यों खुश है BJP! पूरी कहानी समझिए

भाजपा ने 2021 में सिर्फ 36 वर्ष की आयु में के. अन्नामलाई (कुप्पुसामी अन्नामलाई) को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सभी को हैरान कर दिया था. इसके बाद से वह राज्य में भाजपा का जनाधार बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करते रहे, पार्टी उनके इन प्रयासों पर खुश भी नजर आई.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
अन्नामलाई ने राजनीतिक पंडितों को साबित किया गलत...
नई दिल्‍ली:

भारतीय जनता पार्टी ने इस बार दक्षिण के राज्‍यों पर काफी फोकस किया था, जिसका फायदा होता हुआ भी नजर आया. तमिलनाडु में भी बीजेपी ने काफी काम किया. हालांकि, तमिलनाडु में सीटों के लिहाज से लोकसभा चुनाव के नतीजे सुखद न हों,  बीजेपी को यहां एक भी सीट नहीं मिल पाई है, लेकिन वोट शेयर के मामले में बीजेपी ने बढ़त जरूर दर्ज की है. इसका काफी श्रेय तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष के. अन्नामलाई (Annamalai) को जाता है. पुलिस सेवा में ‘सिंघम' के नाम से मशहूर रहे तेज-तर्रार पूर्व आईपीएस अधिकारी के. अन्नामलाई ने तमिलनाडु में भाजपा का जनाधार बढ़ाने कठिन काम अपने हाथों में लिया, जिसे राजनीतिक पंडित लगभग असंभव मानते थे. लेकिन अन्नामलाई के ग्रासरूट पर किये गए काम और 'मक्कल' पद यात्रा का प्रभाव लोकसभा चुनाव के परिणामों में देखने को मिला. तमिलनाडु में भाजपा का वोट शेयर 11.24 फीसदी तक पहुंच गया है, जो पिछले लोकसभा चुनाव में सिर्फ 3.6 प्रतिशत था.

1,770 की पदयात्रा 'मक्कल' 

भाजपा ने  2021 में सिर्फ 36 वर्ष की आयु में के. अन्नामलाई (कुप्पुसामी अन्नामलाई) को पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर सभी को हैरान कर दिया था. इसके बाद से वह राज्य में भाजपा का जनाधार बढ़ाने के लिए अथक प्रयास करते रहे, पार्टी उनके इन प्रयासों पर खुश भी नजर आई. अन्नामलाई के प्रयास भाजपा को तमिलनाडु में भले ही कोई सीट दिलाने में सफल नहीं हुए, लेकिन वोट में पार्टी की 11.01 प्रतिशत हिस्सेदारी का श्रेय युवा नेता को दिया जा सकता है. अन्‍नामाई ने तमिलनाडु में भाजपा का जनाधार बढ़ाने के लिए सात महीने तक पदयात्रा भी की और इस दौरान राज्य के 39 संसदीय क्षेत्रों तथा 234 विधानसभा क्षेत्रों में 1,770 किलोमीटर की दूरी तय की, जिसे 'एन मन एक मक्कल' (मेरी भूमि, मेरे लोग) नाम दिया गया. इस दौरान उन्‍होंने ग्रासरूट पर भाजपा के लिए काफी काम किया.

Add image caption here

अन्नामलाई  ‘उंगल वेट्टू' और ‘उंगल थम्बी'

अन्नामलाई तमिलनाडु में जमीनी स्‍तर पर काम कर रहे हैं. वह एक रणनीति के तहत काम कर रहे हैं. यह शुरुआत से भाजपा की नीति रही है, जो बूथ लेवल तक लोगों के साथ जुड़ते हैं. अन्नामलाई स्वयं को ‘उंगल वेट्टू' और ‘उंगल थम्बी' (आपका बेटा और आपका छोटा भाई) कहते हैं, ताकि लोग उनसे जुड़ाव महसूस कर सकें. उनकी यह रणनीति काम भी आ रही है. वोट शेयर में 3 से 11 तक का सफर इसी प्रयास का परिणाम है. 2019 में 15 लाख 52 हजार 924 वोटर उनके साथ थे, जो आंकड़ा अब 33 लाख के पार पहुंच गया है. भाजपा की ओर से ऐसे संकेत मिल रही है कि अन्नामलाई आगे भी प्रदेश में भारत का जनाधार बढ़ाने के लिए अहम भूमिका में काम करते रहेंगे, भले ही वे लोकसभा चुनाव हार गए हैं. 

Advertisement

दिग्‍गजों का सम्‍मान लेकिन...

ऐसा लगता है कि अन्नामलाई एक सोची-समझी नीति के तहत काम कर रहे हैं. आमतौर पर देखा गया है कि वह एम. करुणानिधि और जे. जयललिता जैसे दिग्‍गज नेताओं के खिलाफ कुछ नहीं कहते हैं. ये ऐसे दिवंगत नेता हैं, जिनकी राज्‍य में लोग काफी इज्‍जत करते हैं. लेकिन इनकी पार्टियों के मौजूदा नेताओं को वह घेरते हुए नजर आते हैं. एम. करुणानिधि के पोते उदयनिधि स्टालिन पर अन्‍नामलाई ने जमकर हमला किया था, जब उन्‍होंने उन्‍होंने धर्म पर विवादित टिप्‍पणी की थी. वहीं, अन्नामलाई ने पिछले दिनों कहा था कि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता के निधन के बाद राज्य की राजनीति में रिक्त हुए स्थान को भर रही है. उन्होंने कहा कि जयललिता ‘बहुत बेहतर' हिंदुत्व नेता थीं. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं के अलावा जयललिता देश की पहली राजनीतिज्ञ थीं, जिन्होंने अयोध्या में राम मंदिर मुद्दे का समर्थन किया था और 2002-03 में तमिलनाडु में धर्मांतरण विरोधी कानून बनाया था

Advertisement

अन्नामलाई का सफर... 

पुलिस सेवा में विभिन्न पदों पर रहे अन्नामलाई ने लोगों और पुलिस के बीच संपर्क को आसान बनाने के लिए कई कदम उठाए जिससे वह एक लोकप्रिय अधिकारी बन गए. साल 2016 और 2018 में कर्नाटक के उडुपी और चिकमंगलूर जिलों में लोगों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर उनके तबादले के खिलाफ प्रदर्शन किया था. पुलिस सेवा से 2019 में इस्तीफा देने के समय अन्नामलाई बेंगलुरु (दक्षिण) में पुलिस उपायुक्त के रूप में तैनात थे. अन्नामलाई ने कोयंबटूर से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और इसके बाद एमबीए की पढ़ाई करने भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) लखनऊ गए. बाद में उन्होंने सिविल सेवा की परीक्षा दी और भारतीय पुलिस सेवा में उनका चयन हो गया.
(भाषा इनपुट के साथ...)

Advertisement

ये भी पढ़ें :- भगवान जगन्नाथ ने BJP का करा दिया बेड़ा पार, भविष्‍यवाणी हुई सच 
तमिलनाडु में हारकर भी ऐसे जीत गई BJP, क्या दक्षिण की राजनीति में है ग्रैंड एंट्री का संकेत

Advertisement
Featured Video Of The Day
Germany Christmas Market हमले में 7 भारतीयों के घायल होने की खबर | BREAKING NEWS
Topics mentioned in this article