सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के एक मामले में जन लोकपाल आंदोलन का हिस्सा रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को शनिवार को ‘‘विडंबनापूर्ण'' बताया और साथ ही उन्होंने मामले की गहन जांच और दोषियों को सजा देने की मांग की. हजारे ने एक बयान में केजरीवाल पर करोड़ों देशवासियों का विश्वास तोड़ने का आरोप लगाया और अफसोस जताया कि राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने 2011 के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन को नष्ट कर दिया.
उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली सरकार की शराब नीति से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी से मैं बहुत दुखी हूं. यह विडंबनापूर्ण है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जन लोकपाल आंदोलन के मेरे सहयोगी को भ्रष्टाचार के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.''
पिछले दशक की शुरुआत में जन लोकपाल की मांग को लेकर जन आंदोलन किया गया था. हजारे, केजरीवाल और मनीष सिसोदिया आंदोलन के प्रमुख चेहरे बनकर उभरे थे. बाद में केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी (आप) बनाई और सिसोदिया के साथ चुनाव जीते. आंदोलन के राजनीतिक रूप लेने के बाद हजारे ने हालांकि खुद को इससे अलग कर लिया था.
हजारे ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जन लोकपाल आंदोलन का राजनीतिक विकल्प असफल हो गया है और राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के कारण भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन नष्ट हो गया.
सामाजिक कार्यकर्ता ने केजरीवाल पर करोड़ों देशवासियों का विश्वास तोड़ने का आरोप लगाते हुए अगस्त 2022 में उनके द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री को आबकारी नीति को लेकर लिखे गए पत्र का हवाला दिया.
महाराष्ट्र के अहमद नगर जिले में रहने वाले हजारे ने यह भी बताया कि उन्होंने पत्र में केजरीवाल को ‘आप' नेता द्वारा अपनी पुस्तक ‘स्वराज' में आबकारी नीति के संबंध में लिखी गई बातों के बारे में याद दिलाया.
हजारे ने कहा, ‘‘मैं इस मुद्दे से हतप्रभ हूं. इस मामले की गहन जांच होनी चाहिए और दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.''
प्रवर्तन निदेशालय ने ‘आप' के राष्ट्रीय संयोजक को आबकारी नीति से जुड़े धनशोधन मामले में बृहस्पतिवार की रात गिरफ्तार किया था.