विरोध संतों का नहीं... प्रेमानंद महाराज के समर्थन में क्या बोले अनिरुद्धाचार्य

Aniruddhacharya Interview : कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि यह विरोध भाषा को लेकर नहीं, बल्कि संतों के खिलाफ है. उन्होंने बताया कि एक महिला ने आकर कहा कि राम गलत हैं. अब हालत यह है कि संतों को गलत कहते-कहते लोग भगवान को भी गलत ठहराने लगे हैं.

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  • कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के एक बयान को लेकर उनके खिलाफ केस दर्ज करने की मांग उठी है और विवाद छिड़ा है.
  • संत प्रेमानंद महाराज की महिलाओं और युवा पीढ़ी पर टिप्पणियों ने भी तीखी बहस को जन्म दिया है
  • अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि उनका वीडियो आधा-अधूरा दिखाकर उनका बयान तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है
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प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद महाराज इन दिनों अपने बयानों को लेकर चर्चा में हैं. जहां अनिरुद्धाचार्य के खिलाफ उनके एक बयान को लेकर केस दर्ज करने की मांग उठी है, तो वहीं, वृंदावन के प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज भी महिलाओं और आज की युवा पीढ़ी पर की गई अपनी टिप्पणियों के कारण विवादों में घिर गए हैं.

सोशल मीडिया पर इन संतों के बयानों को लेकर तीखी बहस छिड़ी हुई है. कुछ लोग उनके विचारों का समर्थन कर रहे हैं, जबकि एक बड़ा वर्ग उनके बयानों को आपत्तिजनक और समाज में गलत संदेश फैलाने वाला बता रहा है. इन विवादों ने इस बात पर एक नई बहस छेड़ दी है कि क्या धार्मिक और आध्यात्मिक गुरुओं को सार्वजनिक मंचों पर इस तरह की टिप्पणियां करनी चाहिए. साथ ही, यह भी सवाल उठ रहे हैं कि आधुनिक समाज में इन पारंपरिक विचारों की क्या प्रासंगिकता है?

आधा-अधूरा वीडियो दिखाकर विवाद खड़ा किया :  अनिरुद्धाचार्य

प्रसिद्ध कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने उनके वायरल वीडियो को लेकर एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत की और कहा कि आधा-अधूरा वीडियो दिखाकर विवाद खड़ा किया गया है. उन्होंने कहा कि उनकी पूरी बात को संदर्भ के साथ समझने की जरूरत है, न कि उसे तोड़-मरोड़कर पेश करने की. वायरल वीडियो पूरा 6 मिनट का है,  जो चल रहा है बाजार में वह केवल 30 सेकंड चल रहा है.

चलो मान ले मेरी भाषा गलत थी, लेकिन प्रेमनंद जी महाराज के शब्द तो सही थे. तो उनका विरोध क्यों हुआ. इसका मतलब है कि विरोध संतों का है न कि भाषा का.

अनिरुद्धाचार्य

कथावाचक

कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने कहा कि यह विरोध भाषा को लेकर नहीं, बल्कि संतों के खिलाफ है. उन्होंने बताया कि एक महिला ने आकर कहा कि राम गलत हैं. अब हालत यह है कि संतों को गलत कहते-कहते लोग भगवान को भी गलत ठहराने लगे हैं.

प्रेमानंद महाराज ने क्या कहा था?
प्रेमानंद महाराज ने कहा, 'शादी के परिणाम अच्छे आएंगे कैसे. आजकल बच्चे और बच्चियों का चरित्र पवित्र नहीं है. माताओं-बहनों का पहले रहन-सहन देखो. हम अपने गांव की बता रहे हैं. वह बूढ़ी थीं, लेकिन इतने नीचे तक पल्लू था.' कहा, 'आजकल के बच्चे कैसी पोशाकें पहन रहे हैं. कैसा आचरण कर रहे हैं. एक लड़के से ब्रेकअप. फिर दूसरे से व्यवहार. फिर दूसरे से ब्रेकअप और फिर तीसरे से व्यवहार. व्यवहार व्यभिचार में परिवर्तित हो रहा है. कैसे शुद्ध होगा.'