चक्रवात बिपरजॉय (Biparjoy) की लैंडफॉल प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, गुजरात के तट पर करीब 125 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवा और भारी बारिश शुरू हो चुकी है. गुजरात के जिस इलाके में समुद्र तट से यह चक्रवाती तूफान टकरा रहा है वहां एक ऐसे बुजुर्ग दंपति भी रहते हैं, जिन्होंने चक्रवात की वजह से एक बार नहीं, दो बार नहीं, बल्कि तीन बार अपने घर को टूटते हुए देखा है.
गुजरात के जखाऊ के एक दंपति कई बार अपने घर का पुनर्निर्माण कर चुके हैं. वे अब एक और चक्रवाती तूफान बिपरजॉय, जो कि उनकी ओर बढ़ रहा है, से विचलित नहीं हैं. उन्होंने मुस्कराते हुए एनडीटीवी से कहा कि यह क्षेत्र भाग्यशाली रहा है कि यहां जानमाल का नुकसान नहीं होता है.
हवा बाई और उस्मान, दोनों की उम्र 70 साल है. वे वर्तमान में जखाऊ के पास एक आश्रय गृह में उन अन्य लोगों के साथ हैं, जिन्हें तट के करीब के क्षेत्रों से निकाला गया है. उस्मान ने कहा, "चूंकि हमारे पास पक्का घर नहीं है, इसलिए हमने पहले अपने घर को गिरते और चक्रवाती तूफान में उड़ते हुए देखा है."
इस दंपति का गुजारा खेतीबाड़ी से होता है. उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी आय और अपने बच्चों की मदद से हर बार अपना घर नए सिरे से बनाया. हालांकि उन्होंने भारी बारिश से उनकी फसलों पर पड़ने वाले प्रभाव पर अफसोस जताया.
यह पूछे जाने पर कि क्या वे आज फिर से अपने घर के गिरने की आशंका से चिंतित हैं, दंपति ने कहा कि वे मजदूर के रूप में काम करेंगे और घर फिर से बनाने के लिए पैसे इकट्ठा करेंगे.
यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें इस बात की चिंता है कि बिपरजॉय अतीत में देखे गए तीन चक्रवातों से भी बदतर होगा? उन्होंने कहा कि वे डरते नहीं हैं. उस्मान ने कहा, "चक्रवात का हम पर ज्यादा असर नहीं होगा. यह भी गुजर जाएगा."
उन्होंने कहा, "हम भाग्यशाली रहे हैं कि लोगों ने भले ही अपने घरों को खो दिया, लेकिन इस क्षेत्र में पूर्व में कोई जनहानि नहीं हुई."
जखाऊ के पास का वह क्षेत्र जहां यह दंपति रहते हैं, वहां चक्रवात बिपरजॉय तट से टकराने वाला है. सरकार ने कहा है कि अब तक कच्छ, जामनगर, मोरबी, राजकोट, देवभूमि द्वारका, जूनागढ़, पोरबंदर और गिर सोमनाथ के आठ तटीय जिलों में लगभग एक लाख लोगों को अस्थायी आश्रयों में ले जाया गया है.