- गणतंत्र दिवस 2026 की परेड में पहली बार भारतीय सेना का पशु दस्ते शामिल होगा, जो सेना की ताकत दिखाएगा.
- परेड में दो बैक्ट्रियन ऊंट, चार जांस्कर टट्टू, चार शिकारी पक्षी और दस भारतीय नस्ल के सेना के कुत्ते होंगे.
- बैक्ट्रियन ऊंट लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानी इलाकों में तैनात हैं. ये परेड में पशु दस्ते की अगुवाई करेंगे.
गणतंत्र दिवस 2026 पर इस बार कर्तव्य पथ पर दिखने वाली परेड बहुत ही खास होगी. दरअसल पहली बार परेड में भारतीय सेना के पशु दस्ते शामिल होने जा रहे हैं. इस परेड में एक ऐसा जानवर भी शामिल होने जा रहा है, जो सभी को हैरान कर देगा. ये जानवर आप में से बहुत से लोगों से पहले शायद ही देखा होगा. सेना की परेड में शामिल होने वाले पशु न सिर्फ भारतीय सेना की ताकत दिखाएंगे, बल्कि यह भी बताएंगे कि देश की रक्षा में उनके योगदान को कितना अहम माना जाता है.
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26 जनवरी की परेड में पहली बार दिखेगा पशु दस्ता
बता दें कि सेना के पशु दल में दो बैक्ट्रियन ऊंट, चार ज़ांस्कर टट्टू, चार शिकारी पक्षी, दस भारतीय नस्ल के सेना के कुत्ते और सेवा में मौजूद छह पारंपरिक सैन्य कुत्ते शामिल होंगे. इन जानवरों में बैक्ट्रियन ऊंट सभी का ध्यान अपनी तरफ खींच रहे हैं. क्यों कि आमतौर पर ऊंट सभी ने देखे होंगे, लेकिन सेना की परेड में दिखने वाले ये ऊंट बहुत ही खास हैं. दिखने में ये दूसरे ऊंटों से अलग हैं. बहुत से लोगों ने तो इनको पहली बार ही देखेंगे.
बता दें कि परेड में पशु दस्ते की अगुवाई ये बैक्ट्रियन ऊंट ही करेंगे. इनको हाल ही में लद्दाख के ठंडे रेगिस्तानी इलाकों में तैनात किया गया है. ये ऊंट दूसरे ऊंटों से बहुत अलग हैं.
बैक्ट्रियन ऊंट की खासियत जानें
बैक्ट्रियन ऊंट बहुत ठंडे मौसम और 15,000 फीट से ज्यादा ऊंचाई पर आसानी से काम कर सकते हैं. इनकी खासियत ये भी है कि 250 किलो तक का सामान ये अपनी पीठ पर आसानी से उठा सकते हैं. इनको ज्यादा खाने-पीने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. कम चारे-पानी में ये लंबी दूरी तय कर लेते हैं. इनकी मदद से सेना को दूरदराज और कठिन इलाकों में रसद पहुंचाने में बहुत ही मदद मिलती है.













