विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए वैश्विक दक्षिण से साझेदारी जरूरीः अमिताभ कांत

अमिताभ कांत ने 'कानूनी सहायता तक पहुंच पर पहले क्षेत्रीय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि अगले दो दशकों को भारत की वृद्धि गाथा के लिहाज से सबसे अहम माना जा रहा है.

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नई दिल्ली:

जी-20 समूह के शेरपा अमिताभ कांत ने सोमवार को कहा कि देश को वर्ष 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा करने के लिए अपनी वृद्धि दर में तेजी लाने और 'वैश्विक दक्षिण' के साथ साझेदारी में काम करने की जरूरत है. कांत ने 'कानूनी सहायता तक पहुंच पर पहले क्षेत्रीय सम्मेलन' को संबोधित करते हुए कहा कि अगले दो दशकों को भारत की वृद्धि गाथा के लिहाज से सबसे अहम माना जा रहा है.

उन्होंने कहा कि नीति आयोग के ‘रोडमैप' के हिसाब से भारत वर्ष 2047 तक 30 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला विकसित देश होगा और इसकी प्रति व्यक्ति आय लगभग 18,000 डॉलर होगी. कांत ने कहा, 'यदि हम सतत वृद्धि के इस स्तर को हासिल करना चाहते हैं तो हमें 'वैश्विक दक्षिण' के साथ साझेदारी में काम करने की जरूरत है.' उन्होंने कहा कि 'वैश्विक दक्षिण' इस लिहाज से महत्वपूर्ण है कि इस साल दुनिया की 80 प्रतिशत वृद्धि उभरते बाजारों और 'वैश्विक दक्षिण' के देशों से ही आएगी.

उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) का हवाला देते हुए कहा कि अगले दो दशकों में वैश्विक वृद्धि का लगभग दो-तिहाई हिस्सा उभरते बाजारों से आएगा. उन्होंने कहा, 'इसी साल दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाले छह देश अफ्रीका से हैं. इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम सबको न्याय सुनिश्चित कर पाएं. इसके बगैर यह वृद्धि संभव और व्यवहार्य नहीं होगा.' उन्होंने कहा कि ऐसा करने के लिए एक भरोसेमंद, विश्वसनीय, प्रभावी और समय पर विवाद समाधान ढांचा जरूरी है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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