सोशल मीडिया कब क्या याद दिला दे, कुछ कह नहीं सकते. ऐसी ही एक भूली-बिसरी याद इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल है. इसमें 70-80 के दशक के चार लीजेंड्स एक ही तस्वीर में दिख रहे हैं. इनमें तीन तो हमेशा के लिए गुमनाम हो चुके हैं, मगर चौथा लीजेंड आज तक चमक रहा है और शायद हमेशा चमकता रहे. यह लीजेंड और कोई नहीं खुद अमिताभ बच्चन हैं. 70-80 के दशक का भारत में जन्मा शायद ही कोई होगा, जिसने मुकद्दर का सिकंदर फिल्म न देखी हो. 1978 में रिलीज हुई इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, विनोद खन्ना, राखी, रेखा और अमजद खान ने बेहतरीन अभिनय से सभी का खूब मनोरंजन किया था. इस फिल्म का गाना "रोते हुए आते हैं सब..." तो सालों तक बाइक सवारों की पसंद बन गया था. इसी गाने में एक पल में प्रीमियर पद्मिनी, राजदूत, चेतक स्कूटर और अमिताभ बच्चन नजर आते हैं. गाने में तो लोगों ने इस पल को कई बार देखा होगा, लेकिन शायद ही किसी की नजर इस खास पल पर इन बाकी के तीन लीजेंड्स पर गई हो. आइए, जानते हैं इन लीजेंड्स के बारे में...
प्रीमियर पद्मिनी-प्रीमियर पद्मिनी का सफर साल 1964 में शुरू हुआ था. उस समय पद्मिनी कार का मॉडल फिएट-1100 डिलाइट होता था. यह 1200 सीसी की पावरफुल कार थी. इटालियन ब्रांड की इस कार को भारत में प्रीमियर ऑटोमोबाइल लिमिटेड बनाती थी. 1970 के समय इसका नाम बदलकर प्रीमियर प्रेजिडेंट रख दिया गया था. इसे बाद में रानी पद्मिनी के नाम पर प्रीमियर पद्मिनी कर दिया गया. कंपनी ने साल 2001 में इसे बनाना बंद कर दिया था. इस कार को लाल बहादुर शास्त्री भी खरीदना चाहते थे, लेकिन उनके पास पर्याप्त पैसे नहीं थे. 1964 में कार की कीमत 12 हजार रुपये थी और शास्त्री के पास 7 हजार रुपये ही थे. इस कार को खरीदने के लिए शास्त्री को पंजाब नेशनल बैंक से लोन लेना पड़ा था. हालांकि, लोन चुकाने से पहले ही वे इस दुनिया से चले गए और बाकी का लोन उनकी पत्नी ने चुकाया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुपरस्टार रजनीकांत भी इस कार के फैन हैं. रजनीकांत की पहली कार पद्मिनी ही थी, जो आज भी उनके पास है.
शहंशाह में भी दिखी थी यह बाइक
राजदूत-जब भी पुरानी बाइक्स की बात होती है तो एक मोटरसाइकिल का जिक्र हमेशा होता है और वो है राजदूत. भारत में एस्कॉर्ट्स कंपनी राजदूत को लेकर आई थी और कंपनी ने यामाहा के साथ मिलकर यहां अपने कारोबार को आगे बढ़ाया. एस्कॉर्ट्स के मोटरसाइकिल डिवीजन ने 1962 से राजदूत का गेम शुरू किया था, जिसमें 125 सीसी और राजदूत जीटीएस 175 शामिल थी. भारत में यामाहा के साथ राजदूत आगे आई और भारतीय बाजार में खास जगह बना ली. उस वक्त राजदूत ने इनफील्ड जैसी कंपनियों के बिजनेस को प्रभावित किया और ऐसी पहचान बनाई कि लोग आज भी इसे याद करते हैं. अमिताभ बच्चन ने इस बाइक को कई फिल्मों में इस्तेमाल किया. शहंशाह में भी इस बाइक को देखा जा सकता है.
चेतक स्कूटर- बजाज ऑटो ने साल 1972 में चेतक स्कूटर को लॉन्च किया था. इस स्कूटर का नाम महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक से लिया गया था. 1972 में कंपनी ने चेतक की 1000 यूनिट बाजार में उतारी थीं. इनकी कीमत 8 से 10 हजार रुपये के बीच रखी गई थी. इसकी इतनी धूम थी कि लोगों को इसे लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था. लड़कियां भी इस स्कूटर की दीवानी हुआ करती थीं. 1977 में पहली बार बजाज ने इसकी 1 लाख यूनिट बेची. वहीं 1986 में ये आंकड़ा 8 लाख तक पहुंच गया. 8 हजार रुपये से शुरू हुई चेतक की कीमत 2005 में करीब 31 हजार तक पहुंच गई. इस बीच होंडा ने अपना एक्टिवा स्कूटर लॉन्च कर दिया. ये चेतक के मुकाबले कई एडवांस फीचर्स के साथ मार्केट में आया. इसके बाद चेतक पीछे रह गया और कंपनी ने साल 2005 में इस स्कूटर का प्रोडेक्शन बंद कर दिया.
अमिताभ बच्चन-अमिताभ बच्चन आज सदी के महानायक के तौर पर जाने जाते हैं. आज उनके पास गाड़ी, बंगला, दौलत शौहरत सब है लेकिन शुरुआत उनके लिए भी आसान नहीं थी. बिग बी फिल्मी सफर की रेस में आने से पहले न्यूज रीडर बनना चाहते थे. इसके लिए उन्होंने कोशिश भी खूब की...लेकिन रिजेक्ट हो गए. ऑल इंडिया रेडियो ने ये कहकर रिजेक्ट कर दिया कि उनकी आवाज बहुत भारी है. यहां से निराशा हाथ लगी लेकिन हिम्मत नहीं हारी. यही राह उन्हें अपनी पहली फिल्म 'सात हिंदुस्तानी' तक लेकर गई. इसके बाद वह धीरे-धीरे फिल्मी दुनिया के शहंशाह बन गए. 7 जून को मेगास्टार अमिताभ बच्चन का अश्वत्थामा अवतार वाला एक नया पोस्टर सोशल मीडिया पर जारी किया गया. अभिनेता को अपने अस्त्र को पकड़े हुए और माथे पर एक दिव्य मणि पहने हुए देखा जा सकता है. अश्वत्थामा आकर्षक और युद्ध के लिए तैयार दिख रहे हैं. वह युद्ध के मैदान के बीच में खड़े हैं और उनके पीछे एक आदमकद वाहन है, जिसके साथ कुछ लोग जमीन पर गिरे हुए हैं. यह कल्कि फिल्म का पोस्टर था. अब तो इसका ट्रेलर भी आ गया है. फैंस एक बार फिर अमिताभ बच्चन को देखने के लिए बेकरार हैं.