महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना' के नाम और उसका चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर' आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले का गृहमंत्री अमित शाह ने स्वागत किया है. शाह ने पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि चुनाव आयोग ने कल दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया. कल ही सत्यमेव जयते को चरितार्थ कर दिया.
वहीं उद्धव ठाकरे ने अपने समर्थकों से कहा कि वे पार्टी का चिह्न ‘धनुष-बाण' चुराने वाले ‘‘चोर'' को सबक सिखाएं.
उद्धव ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जानना चाहिए कि वे सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करने के बावजूद शिवसेना को कभी खत्म नहीं कर पाएंगे. उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि क्या आप डर गये हैं? आपको देने के लिए मेरे पास अभी कुछ नहीं है. इस पर, उनके समर्थकों ने जोरदार आवाज में कहा कि वे डरे नहीं हैं और उनसे अगले कदम के लिए निर्देश देने का आग्रह किया.
एकनाथ शिंदे और शिवसेना के कई विधायकों द्वारा उनके (उद्धव के) खिलाफ बगावत करने के बाद उद्धव ने पिछले साल जून में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. उद्धव ने कहा कि हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जबतक कि चुनावों में चोर को सबक नहीं सिखा देते हैं. फौरन चुनावों की तैयारी शुरू करें.
उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि शनिवार को है और छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती रविवार को है तथा शिवसेना का नाम और चिह्न लूटने के लिए इस समय को चुना गया. उद्धव ने कहा कि चोर ने मधुमक्खी के छत्ते पर पत्थर फेंका है. लेकिन उन्हें मधुमक्खी के डंक का अनुभव नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिंदे ‘‘चुराये गये धनुष-बाण'' को नहीं ले जा सकेंगे और वह पौराणिक महाकाव्य रामायण के पात्र रावण की तरह गिर जाएंगे, जो भगवान शिव का धनुष नहीं उठा पाया था.
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