अब नहीं टूटेगा अमित शाह का रिकॉर्ड? मेडन स्पीच पर लगी समय की यह पाबंदी

हाल के वर्षों में किसी भी नए सदस्य के सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड गृह मंत्री अमित शाह के नाम है. वे 15 दिसंबर 2017 को राज्य सभा में पहली बार चुन कर आए थे. तब वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. तब संसद का शीतकालीन  सत्र चल रहा था.

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नई दिल्ली:

एक दिसंबर से शुरू होने जा रहे संसद के शीतकालीन सत्र में नए सदस्यों के पहले भाषण यानी मेडन स्पीच को लेकर निर्देश जारी किया गया है. संसदीय बुलेटिन के अनुसार सभापति ने निर्देश दिया है कि नए सदस्य का पहला भाषण 15 मिनट से अधिक नहीं हो सकता है. वैसे अभी तक की संसदीय परंपरा के अनुसार संसद में अपना पहला भाषण दे रहे नए सदस्य को दूसरे सदस्यों के द्वारा टोका नहीं जाता. सभापति भी नए सदस्य को अपना भाषण पूरा करने के लिए उचित समय देते हैं. लेकिन संसदीय बुलेटिन के अनुसार यह देखा गया है कि कई बार नए सदस्य अपेक्षित समयसीमा को लांघ जाते हैं और चर्चा के विषय की समयसीमा भी इससे प्रभावित होती है. इसलिए सभापति ने निर्देश दिया है कि समयसीमा का प्रबंधन करने के लिए यह आवश्यक है कि किसी भी नए सदस्य का प्रथम भाषण या मेडन स्पीच 15 मिनट से अधिक न हो. 

गौरतलब है कि हाल के वर्षों में किसी भी नए सदस्य के सबसे लंबे भाषण का रिकॉर्ड गृह मंत्री अमित शाह के नाम है. वे 15 दिसंबर 2017 को राज्य सभा में पहली बार चुन कर आए थे. तब वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. तब संसद का शीतकालीन  सत्र चल रहा था. हालांकि तब उन्होंने कोई भाषण नहीं दिया. उसके अगले साल यानी 2018 में फरवरी में बजट सत्र में उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लिया. पांच फरवरी 2018 को संसद में अपने प्रथम भाषण यानी मेडन स्पीच में वे करीब डेढ़ घंटे तक बोले.

उनके 90 मिनट के भाषण में यूपीए पर तीखे हमले बोले गए और मोदी सरकार की उपलब्धियां बताई गईं थीं. वे सर्जिकल स्ट्राइक, तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीएसटी पर 'गब्बर सिंह टैक्स' के ताने, तीन तलाक, बेरोजगारी,  स्वच्छ भारत मिशन और एक देश एक चुनाव और किसानों की समस्या जैसे मुद्दों पर जमकर बोले. संसदीय परंपरा के अनुसार उन्हें भाषण में टोका नहीं गया क्योंकि यह उनका प्रथम भाषण था। उस समय एम वेंकैया नायडू राज्य सभा के सभापति थे। 

जहां तक इस बार नए सदस्यों का प्रश्न है, करीब पांच वर्ष के लंबे अंतराल के बाद जम्मू कश्मीर से चार नए सांसद राज्य सभा में पहली बार आ रहे हैं। जम्मू कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के सज्जाद अहमद किचलू , गुरविंदर ओबेराय और चौधरी मोहम्मद रमजान तथा बीजेपी के सतपाल शर्मा का यह पहला संसद सत्र होगा। अब यह देखने की बात होगी कि इनमें से कौन सा सदस्य  किस विषय पर  और कब अपना प्रथम भाषण देता है। 

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