पीएम मोदी के कृषि कानूनों की वापसी के ऐलान पर अमित शाह की भी आई प्रतिक्रिया, जानें क्या कहा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज सुबह तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है. पीएम नरेंद्र मोदी के इस फैसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री की तारीफ की है. 

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को लिया वापसी

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने आज सुबह तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है. पीएम नरेंद्र मोदी के इस फैसले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की प्रतिक्रिया आई है और उन्होंने ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री की तारीफ की है.  गृह मंत्री अमित शाह ने एक ट्वीट करते हुए लिखा कि पीएम में खास क्या है, उन्होंने ये घोषणा करने के लिए 'गुरु पूरब' के विशेष दिन को चुना.ये दर्शाता है कि वो प्रत्येक भारतीय के कल्याण के अलावा और कुछ विचार नहीं करते हैं. उन्होंने बेहतरीन स्टेट्समैनशिप दिखाई है.

वहीं एक अन्य ट्वीट में अमित शाह ने लिखा कि पीएम नरेंद्र मोदी की कृषि कानूनों से संबंधित घोषणा एक स्वागत योग्य और राजनेता जैसा कदम है. जैसा कि प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, भारत सरकार हमारे किसानों की सेवा करती रहेगी और उनके प्रयासों में हमेशा उनका समर्थन करेगी.

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गौरतलब है कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के मौके पर देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) को वापस लेने का ऐलान किया है. पीएम मोदी के इस फैसले पर कई राजनेताओं की प्रतिक्रिया आ रही हैं. पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस फैसले का स्वागत किया है. अमरिंदर सिंह ने ट्वीट कर पीएम मोदी को शुक्रिया कहा और लिखा कि ''नरेंद्र मोदी जी किसानों की मांग स्वीकारने और तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए शुक्रिया. गुरु नानक जंयती के मौके पर ये अच्छा फैसला लिया गया है. मुझे उम्मीद है कि केंद्र सरकार किसानों के लिए विकास करने का काम जारी रखेगी.''

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राकेश टिकैत ने कहा-आंदोलन रहेगा जारी

कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद भी किसान नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन जारी रखने की बात कही है. टिकैत ने ट्वीट करते हुए लिखा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें.