राहुल गांधी ने अमेरिका के टेक्सास में देश को लेकर ऐसा बहुत कुछ कह दिया, जिससे वह विरोधियों के निशाने पर हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसके लिए राहुल की कड़ी (Amit Shah On Rahul Gandhi) आलोचना की है. उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि "देश को विभाजित करने की साजिश रचने वाली ताकतों" के साथ खड़ा होना कांग्रेस नेता की आदत बन गई है. उन्होंने कहा कि देश विरोधी बयान देना राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की आदत बन गई है, चाहे वह जम्मू-कश्मीर में जेकेएनसी के देश विरोधी और आरक्षण विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो या भारत विरोधी बयान देना हो.विदेशी मंचों पर राहुल गांधी ने हमेशा देश की सुरक्षा को खतरे में डाला है और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है.
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"आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता"
अमित शाह ने आरक्षण को लेकर राहुल गांधी के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि जब तक बीजेपी है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और न ही देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ कर सकता है.उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने देश की सुरक्षा और भावना को हमेशा आहत किया है. शाह ने कहा, "भाषा से भाषा, क्षेत्र से क्षेत्र और धर्म से धर्म में भेदभाव लाने की बात करना राहुल गांधी की विभाजनकारी सोच को दिखाता है."
उन्होंने कहा कि देश से आरक्षण को खत्म करने की बात कह कर राहुल ने कांग्रेस का आरक्षण विरोधी चेहरा एक बार फिर से देश के सामने लाने का काम किया है.शाह ने कहा कि मन के विचार और सोच किसी न किसी जरिए बाहर आ ही जाते हैं. अमित शाह ने कहा कि वह राहुल गांधी को बताना चाहते है कि जब तक बीजेपी है, आरक्षण को कोई छू भी नहीं सकता और देश की एकता के साथ कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता.
राहुल ने आरक्षण खत्म करने पर क्या कहा था?
शाह की ये टिप्पणी अमेरिका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी में राहुल गांधी की छात्रों संग बातचीत में कही गई बातों पर सामने आई है.आरक्षण पर एक सवाल का जवाब देते हुए राहुल ने कहा था कि, कांग्रेस आरक्षण खत्म करने के बारे में तब सोचेगी, जब भारत में निष्पक्षता होगी. फिलहाल ऐसी स्थिति नहीं है. बीजेपी का आरोप है कि संविधान बचाने के लिए कांग्रेस नेता का अभियान महज आडंबर था. आरक्षण के खिलाफ उनका पूर्वाग्रह खुलकर सामने आ गया है. बीजेपी का कहना है कि आरक्षण का विरोध राहुल गांधी की विरासत है. सीनियर बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि पूर्व प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी जाति-आधारित आरक्षण के खिलाफ थे.