अमित शाह, जेपी नड्डा ने दिल्ली में मध्य प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक की

बीजेपी ने 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. पार्टी ने अपने इंदौर जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर को देवास जिले की सोनकच्छ सीट से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है.

Advertisement
Read Time: 6 mins
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने वाले हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर मध्य प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक में भाग लिया. इससे पहले 17 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मध्य प्रदेश के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. बीजेपी ने 230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा के लिए 39 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं. पार्टी ने अपने इंदौर जिला अध्यक्ष राजेश सोनकर को देवास जिले की सोनकच्छ सीट से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतारा है.

पूर्व मंत्री और दिग्गज कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा सोनकच्छ सीट से मौजूदा विधायक हैं. 2013 के राज्य विधानसभा चुनावों में, भाजपा नेता सोनकर ने इंदौर जिले की सांवेर सीट से तुलसी राम सिलावट को हराया था, जब सिलावट कांग्रेस में थे. पिछले 2018 के विधानसभा चुनावों में, सोनकर उसी सांवेर सीट से सिलावट से हार गए थे. लेकिन बाद में 2020 में, सिलावट ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिदिया और अन्य के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए.

Advertisement

इसके बाद सिलावट ने सांवेर सीट से भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा और चुनाव जीत गये. गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 में राज्य विधान सभा चुनावों के बाद, कांग्रेस ने सरकार बनाई और कमल नाथ सीएम बने. 2020 में, ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ 22 विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया, जिससे राज्य में राजनीतिक भूचाल आ गया. राज्य में कांग्रेस सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आई और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने.

ये भी पढ़ें : स्पाइसजेट सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद क्रेडिट सुइस को 1.5 मिलियन डॉलर का करेगी भुगतान

ये भी पढ़ें : अंडमान सागर में महसूस किए गए भूकंप के झटके, रिक्टर स्केल तीव्रता पर 4.4 रही

Featured Video Of The Day
Mumbai के Mahalakshmi Race Course के अस्तित्व का संघर्ष क्या अब खत्म होगा?