रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर कोलकाता पहुंचे अमित शाह, TMC ने अमर्त्य सेन को लेकर साधा निशाना

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को विश्वभारती विश्वविद्यालय द्वारा शांतिनिकेतन परिसर में कुल 1.38 एकड़ जमीन में से 0.13 एकड़ खाली करने के नोटिस के विरोध में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा आयोजित धरना रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins

गृह मंत्री अमित शाह ने जोरासांको के ठाकुरबाड़ी स्थित टैगोर के पुश्तैनी आवास पर पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की.

शांतिनिकेतन:

केंद्रीय मंत्री अमित शाह (Amit Shah) मंगलवार को विश्वकवि रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती (Rabindranath Tagore's Birth Anniversary)पर पश्चिम बंगाल की यात्रा पर हैं. उन्होंने जोरासांको के ठाकुरबाड़ी स्थित टैगोर के पुश्तैनी आवास पर पहुंचकर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री (Mamata Banerjee) और टीएमसी अमित शाह पर निशाना साधा है. टीएमसी ने कहा कि एक तरफ नोबेल विजेता टैगोर को पुष्पांजलि दी जा रही है. दूसरी तरफ उनके शांतिनिकेतन से एक और नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन (Amartya Sen) को उनकी संपत्ति से बेदखल किया जा रहा है.

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को विश्वभारती विश्वविद्यालय द्वारा शांतिनिकेतन परिसर में कुल 1.38 एकड़ जमीन में से 0.13 एकड़ खाली करने के नोटिस के विरोध में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) द्वारा आयोजित धरना रविवार को तीसरे दिन भी जारी रहा. अमर्त्य सेन का रवींद्रनाथ टैगोर के साथ एक खास रिश्ता रहा है. कविगुरु टैगोर ने अपने एक करीबी दोस्त के पोते को 'अमर्त्य' नाम भी दिया था.

पश्चिम बंगाल के मंत्री शशि पांजा ने रवींद्रनाथ टैगोर की जयंती पर राज्य के आधिकारिक कार्यक्रम में कहा, "गृह मंत्री अमित शाह रवींद्रनाथ टैगोर को श्रद्धांजलि देने आते हैं, लेकिन एक नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को विश्व भारती द्वारा निष्कासन नोटिस दिया जा रहा है."
    
बता दें कि अमित शाह वर्तमान में बंगाल की यात्रा पर हैं और आज उनके यात्रा का पहला पड़ाव कोलकाता के जोरासांको में रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर का दौरा था. यहां उन्होंने कविगुरु को पुष्पांजलि अर्पित की. पश्चिम बंगाल के मंत्री शशि पांजा ने बीजेपी चीफ जेपी नड्डा द्वारा एक गलत कदम के संदर्भ में कहा, "पहले वे टैगोर की जन्मभूमि और कर्मभूमि के बीच भ्रमित थे. कम से कम अब वे जानते हैं कि टैगोर जोरासांको में पैदा हुए थे.

Advertisement

नड्डा ने कर दी थी ये गलती
दरअसल, कुछ साल पहले नड्डा ने गलती से कविगुरु रवींद्रनाथ टैगोर के जन्मस्थान के रूप में शांतिनिकेतन (जहां आज विश्व भारती विश्वविद्यालय है) का जिक्र किया था. 

Advertisement

ममता ने नड्डा और शाह पर साधा निशाना
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने भी इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए ममता ने कहा, "कुछ लोग सोचते हैं कि शांति निकेतन टैगोर की जन्मस्थली है. कुछ लोगों की रैलियां ईश्वर चंद्र विद्यासागर की मूर्ति को नष्ट कर देती हैं." आज मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नड्डा और शाह पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं को "चीट शीट, या टेलीप्रॉम्प्टर" से गलत सूचना पढ़ने के बजाय राज्य के बारे में जानना चाहिए.

Advertisement

सीएम ममता बनर्जी ने कहा, ''हमें टैगोर के बताए रास्ते पर चलने की जरूरत है. टैगोर की सोच का पालन करना चाहिए. हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि चुनाव के दौरान या चुनाव के लिए बगैर जानकारी बोलने के लिए टेलीप्रॉम्प्टर का इस्तेमाल किया जा सकता है.''

Advertisement

और क्या बोलीं CM ममता?
सीएम ममता ने कहा, ''हम टैगोर के शब्दों में लोगों को नमन करेंगे. जब कोई विभाजन की बात करेगा तो हम टैगोर की बात सुनाएंगे. हम बांटना और तोड़ना नहीं चाहते, बल्कि निर्माण करना चाहते हैं. जहां मन भय रहित है, वहां टैगोर की बातें सुनाते हैं. हमें यह नहीं सोचना चाहिए या चुनाव के लिए, हम कहते हैं कि टैगोर का जन्म शांतिनिकेतन में हुआ था. टैगोर ने अपने काम से हमें नेतृत्व दिया.''

ये भी पढ़ें:-

"ऐसे बुद्धिजीवियों से डर लगता है..." नोबेल विजेता अमर्त्य सेन पर निर्मला सीतारमण का कटाक्ष

अमर्त्य सेन को नोटिस के खिलाफ शांतिनिकेतन में TMC का प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी