3 जुलाई से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा, चप्पे-चप्पे पर पुलिस, मॉक ड्रिल से परखी गई सुरक्षा व्यवस्था

जम्मू-कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों के मुताबिक इस बार जमीनी सुरक्षा तैनाती के साथ-साथ हम आकाशीय निगरानी और उन्नत तकनीक का उपयोग कर रहे हैं. तीर्थयात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और हम हर संभावित स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

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तीन जुलाई से 38 दिनों तक चलने वाली यह यात्रा दो मार्गों से होकर गुजरती है.
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  • अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों का अंतिम चरण भी पूरा कर लिया गया है.
  • तीर्थयात्रा के मार्ग पर हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं.
  • गृह मंत्रालय यात्रा की सुरक्षा पर लगातार निगरानी रख रहा है.
  • 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा शुरू होने वाली है.
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श्रीनगर:

अमरनाथ यात्रा के शुभारंभ में अब केवल तीन दिन शेष हैं और इसके साथ ही सुरक्षा तैयारियों का अंतिम चरण भी पूरा कर लिया गया है. हजारों सुरक्षाकर्मी तैनात किए जा चुके हैं और बीते कुछ दिनों में कई स्थानों पर मॉक ड्रिल आयोजित कर व्यवस्थाओं की खामियों की पहचान की गई है. अधिकारियों के मुताबिक, इस बार सुरक्षा व्यवस्था पहले से कहीं अधिक व्यापक, तकनीकी और समन्वित है. यात्रा मार्ग पर 10 से अधिक पुलिस अधीक्षक (SP), 15 उपाधीक्षक (DySP) और सैकड़ों अर्धसैनिक बलों व पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि तीर्थयात्रा निर्विघ्न और सुरक्षित रहे.

आतंकवाद विरोधी मुहिम तेज

जम्मू-कश्मीर पुलिस, सेना और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से अनंतनाग जिले में आक्रामक आतंकवाद विरोधी अभियान चलाए हैं. वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यात्रा मार्ग और आसपास के जंगलों में प्रतिदिन 20 से अधिक तलाशी अभियान संचालित हो रहे हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम कोई जोखिम नहीं उठा सकते. मार्ग के हर इंच पर मानवीय और तकनीकी निगरानी जारी है. सभी संभावित खतरों को पहले ही निष्क्रिय किया जा चुका है.”

गृह मंत्रालय की निगरानी, केंद्रीय बलों की तैनाती

केंद्रीय गृह मंत्रालय यात्रा की तैयारियों पर लगातार नजर बनाए हुए है. BSF, ITBP और SSB जैसे केंद्रीय बलों को संवेदनशील क्षेत्रों, विशेष रूप से ऊंचाई वाले और वन क्षेत्रों में तैनात किया गया है. अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष सुरक्षा और नागरिक एजेंसियों के बीच अभूतपूर्व तालमेल देखने को मिल रहा है. यात्रियों को पूर्व पंजीकरण, वैध पहचान पत्र रखने और निर्दिष्ट दिशा-निर्देशों का पालन करने का अनुरोध किया गया है.

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3 जुलाई से होगी यात्रा शुरू, अभूतपूर्व सुरक्षा कवच

3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की वार्षिक तीर्थयात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी. अनंतनाग के पहलगाम और गंदरबल के बालटाल — दोनों मार्गों पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है. पहलगाम मार्ग को 17 ज़ोन और 51 सब-ज़ोन में बांटकर हर क्षेत्र में विशेष अधिकारी, त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT), पर्वतीय बचाव दल, एंटी-सैबोटाज टीमें और यातायात नियंत्रक तैनात किए गए हैं।वही मॉक ड्रिल से तैयारियों की जांच की गई हैं.

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पिछले दिनों आयोजित मॉक ड्रिल में आपातकालीन सेवाओं, आपदा प्रबंधन, चिकित्सा दल और यातायात पुलिस ने भाग लिया. ड्रिल में प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमला और स्वास्थ्य संकट जैसे परिदृश्यों का अभ्यास किया गया, जिससे सभी एजेंसियों के बीच समन्वय और त्वरित प्रतिक्रिया की क्षमता का परीक्षण हो सके. साथ में यात्रियों  तकनीक और लॉजिस्टिक्स का अद्भुत समावेश हुआ हैं.

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प्रशासन ने सभी पड़ावों पर जल, बिजली, चिकित्सा और स्वच्छता सुविधाओं को सुचारु किया है. बेस कैंप और लंगरों को स्वच्छता निरीक्षण के बाद उपयोग के लिए तैयार कर लिया गया है. इस वर्ष पहली बार सुरक्षा व्यवस्था में हाई-डेफिनिशन CCTV, ड्रोन निगरानी, सैटेलाइट ट्रैकिंग, और AI-आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली जैसी तकनीकों को शामिल किया गया है. विशेष निगरानी केंद्र भी स्थापित किए गए हैं.

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