अमरनाथ हादसा : बाल-बाल बची NDTV की रिपोर्टिंग टीम, रिपोर्टर से सुनिए आपबीती

NDTV टीम अमरनाथ यात्रा कवर कर रही है. शुक्रवार दोपहर को रिपोर्टिंग टीम पवित्र अमरनाथ गुफा के पास थी. वो लगभग 24 घंटों तक वहीं रहे. उन्होंने वहां बाबा बर्फानी के दर्शन किए और दोपहर में बालटाल के रास्ते वहां से नीचे उतरे.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins

अमरनाथ यात्रा कवर रही है NDTV की टीम.

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर में हर साल इस मौसम में अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले यात्री एक बार फिर प्राकृतिक आपदा का सामना कर रहे हैं. अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार की शाम बादल फट गया, जिसके बाद यहां तबाही मची हुई है. इस हादसे में अबतक 16 लोगों की मौत हो चुकी है. मरने वालों में सात महिलाएं हैं. 65 लोग घायल हुए हैं, वहीं लगभग 40 लोग लापता हैं. हादसे के बाद से यहां लगातार बारिश जारी है. सौभाग्यवश NDTV की रिपोर्टिंग टीम इस हादसे का शिकार बनने से बच गई. हमारे रिपोर्टर और कैमरापर्सन इस हादसे से बाल-बाल बच निकले और अब सुरक्षित हैं. 

दरअसल, रिपोर्टर शरद शर्मा ने बताया कि वो और उनके सहयोगी कैमरापर्सन अश्विनी मेहरा हादसा होने के कुछ घंटे पहले उसी जगह पर थे, जहां बादल फटने के बाद तफरा-तफरी मची. यानी कि वो लोग कुछ घंटों के अंतर से बच निकले.

NDTV टीम अमरनाथ यात्रा कवर कर रही है. शुक्रवार दोपहर को रिपोर्टिंग टीम पवित्र अमरनाथ गुफा के पास थी. वो लगभग 24 घंटों तक वहीं रहे. उन्होंने वहां बाबा बर्फानी के दर्शन किए और दोपहर में बालटाल के रास्ते वहां से नीचे उतरे. 

Advertisement

जैसे ही वो लोग नीचे पहुंचे, थोड़ी देर बाद खबर आई कि गुफा के पास बादल फट गया है. इस जगह पर श्रद्धालुओं के टेंट लगे हुए थे, दुकानें थीं, लंगर चल रहे थे, लेकिन बादल फटने के बाद पानी के रास्ते में आने वाली हर चीज बह गई.

Advertisement

"लोग पानी में बहते जा रहे थे...", अमरनाथ गुफा से सुरक्षित लौटे श्रद्धालुओं ने सुनाए अपने दर्दनाक अनुभव

इस घटना में अबतक 16 लोगों की मौत हुई है. अभी भी दर्जनों लापता हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सेना बचाव कार्य में लगी हुई है. 

Advertisement

रिपोर्ट आने तक NDTV की रिपोर्टिंग टीम बालटाल बेस हॉस्पिटल पर थी, जहां हादसे में घायल हुए लोगों को लाया जा रहा है. हालांकि, गंभीर रूप से घायल लोगों को श्रीनगर भेजा जा रहा है. 

Advertisement

बादल फटने के कारण अचानक आयी बाढ़ के चलते फंसे कम से कम 15,000 तीर्थयात्रियों को यहां निचले आधार शिविर पंजतरणी स्थानांतरित कर दिया गया है. पवित्र गुफा से आने वाले तीर्थयात्रियों की सहायता के लिए नीलग्राथ हेलीपैड पर बीएसएफ की एक छोटी टीम भी तैनात है.

Topics mentioned in this article