अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) के बालटाल मार्ग पर गुरुवार और शुक्रवार की दरमियानी रात में भूस्खलन (Landslide) और पानी के तेज बहाव के कारण बहे दो पुलों का सेना ने रिकॉर्ड समय में पुर्ननिर्माण किया. सेना ने इन पुलों को रातों-रात फिर से बना लिया. 30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और इसके सुगम संचालन के लिए भारतीय सेना (Indian Army) की चिनार कोर प्रशासन की सहायता कर रही है.
बताया जाता है कि तापमान में अचानक वृद्धि होने के बाद भूस्खलन हुआ और इसके कारण पुल बह गए थे. इससे बालटाल मार्ग पर कालीमाता के पास रास्ता बंद हो गया था.
चिनार कॉर्प्स ने ट्वीट किया, "एक जुलाई को बालटाल एक्सिस पर ब्रारीमर्ग के पास दो पुल भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गए थे. चिनार कॉर्प्स ने मार्ग को फिर से शुरू करने और यात्रियों को चार घंटे से अधिक समय लगाकर चक्कर लगाने से बचाने के लिए सामग्री जुटाई और पुलों का पुनर्निर्माण रातोंरात कर दिया."
पुल बह जाने पर स्थानीय प्रशासन ने चिनार कोर से मदद मांगी. इस पर चिनार कोर के किलो फोर्स ने तुरंत प्रयास शुरू किए. सेना ने हेलीकॉप्टर, खच्चरों, पोर्टर्स से इंजीनियर रेजिमेंट के ब्रिजिंग स्टोर्स के साथ जरूरी सामान जुटाया. तकनीकी विशेषज्ञों ने भी मदद की और पुलों को फिर से तैयार किया गया.
सेना ने कहा कि, "एक रिकॉर्ड समय सीमा में चिनार कोर की 13 इंजीनियर रेजिमेंट ने विपरीत मौसम और अंधेरे के बावजूद रात भर में नया पुल बना दिया. इससे यात्रा बिना बाधा के जारी रह सकी और तीर्थयात्रियों में सुरक्षा की भावना पैदा हुई."
अमरनाथ भगवान शिव का 3,880 मीटर ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर है. इस बार अमरनाथ यात्रा दो साल के अंतराल के बाद आतंकी खतरे के बीच शुरू हुई है. सुरक्षा के लिए विस्फोटकों का पता लगाने के साथ-साथ अन्य कार्यों के लिए सुरक्षा बल तैनात हैं. इसके साथ-साथ 200 शक्तिशाली बुलेटप्रूफ वाहन संवेदनशील स्थानों पर रखे गए हैं.
आतंकी खतरों के मद्देनजर सुरक्षा के लिए अमरनाथ की ओर जाने वाले वाहन मार्गों पर 130 से अधिक खोजी कुत्तों को भी तैनात किया गया है.