बकायादार बिल्डरों के खिलाफ योगी सरकार की कार्रवाई जारी, अजनारा बिल्डर के प्रोजेक्ट का आवंटन रद्द

सीईओ ने बताया कि अजनारा बिल्डर प्राधिकरण को अब तक करीब 46 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है. जबकि 42.82 करोड़ रुपये का बकायेदार है. इस कारण कार्रवाई की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (फाइल फोटो)
नोएडा:

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद नोएडा-ग्रेटर नोएडा व यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में बकायदार बिल्डरों के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाई जारी है. इसी क्रम में यमुना विकास प्राधिकरण ने 42.82 करोड़ रुपये बकाया राशि का भुगतान न करने पर अजनारा बिल्डर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए सेक्टर 22ए में आवंटित ग्रुप हाउसिंग भूखंड का आवंटन निरस्त कर 25 एकड़ एक लाख स्क्वायर मीटर जमीन वापस ले ली है.

जमीन वापस लेने के साथ बिल्डर की करीब 11 करोड़ 79 लाख की राशि जब्त कर ली गई है. प्राधिकरण ने इससे पहले 31 मार्च को आठ बिल्डरों का आवंटन रद्द कर दिया था. इस प्रकार अब तक 10 प्रोजेक्ट रद्द किए जा चुके हैं. 

बता दें कि यमुना विकास प्राधिकरण ने अजनारा बिल्डर को सेक्टर 22ए में 25 एकड़ एक लाख वर्गमीटर का भूखंड आवंटित किया था. बिल्डर ने इस भूखंड पर पैनोरमा नाम से परियोजना लॉन्च की थी और 11 दिसंबर को इसकी लीज डीड कराई, लेकिन किस्तों का समय से भुगतान नहीं किया. बिल्डर को 3266 रेजिडेंशियल यूनिट बनाने की मंजूरी अथॉरिटी ने दी थी, इसमें से 695 फ्लैटों के लिए प्राधिकरण ने कंपलीशन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है.

इस संबंध में सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह ने बताया कि बिल्डर ने 2011-13 और 2013-15 की अवधि में शून्यकाल का लाभ लिया, लेकिन परियोजना को पूरा करने में रुचि नहीं दिखाई. फ्लैट खरीदारों से बिल्डर पैसा वसूल करता रहा. प्राधिकरण ने जून 2017 में बिल्डर को नोटिस जारी कर एक करोड़ चार लाख 626 रुपये जमा कराने को कहा, लेकिन बिल्डर ने 54 लाख रुपये का भुगतान ही किया.

सिंह के अनुसार, " अक्टूबर 2017 में प्राधिकरण ने बिल्डर को फिर नोटिस जारी कर चार करोड़ 63 लाख रुपये जमा करने को कहा. साल 2019 में बिल्डर ने बकाया राशि का रीशेड्यूलमेंट करा लिया, इसके बावजूद किस्तों का भुगतान नहीं किया और एस्क्रो खाता भी नहीं खुलवाया. रीशेड्यूलमेंट के बाद लगातार तीन किस्तों का भुगतान न करने पर आवंटन निरस्त करने का प्रविधान है. इस अधिकार का प्रयोग करते हुए प्राधिकरण ने बिल्डर का आवंटन निरस्त कर दिया है."

सीईओ ने बताया कि अजनारा बिल्डर प्राधिकरण को अब तक करीब 46 करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है. जबकि 42.82 करोड़ रुपये का बकायेदार है. बिल्डर की कुल जमा राशि में 25 प्रतिशत प्राधिकरण ने जब्त कर ली है. शेष 75 फीसद बिल्डर को तभी मिलेगी जब वह बैंक का नो ड्यूज प्राधिकरण को देगा. इसके साथ ही परियोजना में फ्लैट बुक कराने वालों से वसूली गई राशि, उन्हें वापस की गई राशि के अलावा फ्लैट पर कब्जा ले चुके खरीदारी की जानकारी देनी होगी. 

Advertisement

सीईओ ने कहा कि अजनारा बिल्डर की पैनोरमा परियोजना में फ्लैट खरीदारों का हित पूरी तरह से सुरक्षित रखा जाएगा. खरीदारों को फ्लैट पर कब्जा देने के लिए प्राधिकरण परियोजना को पूरा करेगा.

यह भी पढ़ें -

क्या है 'केदारनाथ बनाम बिहार सरकार फैसला'? देशद्रोह कानून पर सुनवाई में SC ने क्यों याद किया यह 60 साल पुराना मामला

Advertisement

अब गाड़ियों के हॉर्न से होने वाले शोर पर नजर, लाउडस्पीकर विवाद के बीच मुंबई पुलिस ने कंपनियों से की यह अपील

Featured Video Of The Day
Delhi Firecrackers Ban: कारोबार से लेकर रोजगार तक, सब पर क्यों पड़ रहा है भारी | Delhi Pollution
Topics mentioned in this article