राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने चेन्नई के एक मदरसे में 12 अनाथ बच्चों के कथित उत्पीड़न को लेकर बिहार और तमिलनाडु की सरकारों को नोटिस जारी किया है.
आयोग ने उस मीडिया रिपोर्ट का स्वत: संज्ञान लेते हुए यह कदम उठाया है, जिसमें बताया गया था कि चेन्नई के एक मदरसे में बिहार के अनाथ बच्चों को रखने और उनका उत्पीड़न करने के आरोप में चेन्नई में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
एनएचआरसी के मुताबिक, पोन्नीअम्मनमेडु स्थित मदरसे से 12 बच्चों को बचाया गया था. आयोग ने तमिलनाडु और बिहार के मुख्य सचिवों और चेन्नई के पुलिस आयुक्त को नोटिस जारी कर मामले में चार सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
एनएचआरसी ने कहा कि एक दिसंबर को प्रकाशित मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि पुलिस को ‘1098' हेल्पलाइन के माध्यम से जानकारी मिली थी कि चेन्नई में माधवरम के पास पोन्नियाम्मनमेडु में एक मदरसे में कुछ बच्चों का उत्पीड़न और शारीरिक शोषण किया जा रहा है.
आयोग के अनुसार, रिपोर्ट में कहा गया था कि भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया है और बिहार के रहने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बाल कल्याण अधिकारी की उपस्थिति में पुलिस बच्चों को सरकारी बाल अस्पताल ले गई और बाद में उन्हें एक घर में स्थानांतरित कर दिया गया.
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