"...तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी" : धर्मांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट

Allahabad High Court on Conversion : भारत में धर्म परिवर्तन का अधिकार नहीं है. यह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई को दौरान कहा है. पढ़ें और क्या कहा...

Advertisement
Read Time: 3 mins
Allahabad High Court on Conversion : घर्मांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है.
प्रयागराज:

 Allahabad High Court Big Comment : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने धर्मांतरण के एक मामले में सुनवाई करते हुए धर्मांतरण की प्रवृत्ति को लेकर गंभीर टिप्पणी की है और कहा है कि यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की प्रवृत्ति जारी रही तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी. कोर्ट ने चिंता जताते हुए कहा है कि ऐसे धार्मिक सभाओं को तुरंत रोका जाना चाहिए, जहां धर्मांतरण हो रहा है और भारत के नागरिकों का धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. कोर्ट ने यह भी कहा की अनुच्छेद 25 में धर्मांतरण का प्रावधान नहीं है.

"धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं"

हाईकोर्ट ने कहा कि धर्मांतरण करने वाली धार्मिक सभाओं पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए. कोर्ट ने कहा कि ऐसे आयोजन संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार के विरूद्ध हैं. यह अनुच्छेद किसी को भी धर्म मानने व पूजा करने व अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है. धर्म प्रचार की स्वतंत्रता किसी को धर्म परिवर्तन कराने की अनुमति नहीं देती,

जमानत अर्जी खारीज कर दी

कोर्ट ने कहा है कि जानकारी में आया है कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक आयोजनों के जरिए भोले भाले गरीब लोगों को गुमराह कर ईसाई बनाया जा रहा है. ऐसे में धर्म परिवर्तन कराने के आरोप की गंभीरता को देखते हुए याची को जमानत पर रिहा नहीं किया जा सकता और कोर्ट ने याचिकाकर्ता की जमानत अर्जी खारिज कर दी. यह आदेश जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने हिंदुओं को ईसाई बनाने के आरोपी मौदहा हमीरपुर के कैलाश की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए दिया है.

"दिल्ली ले गया और धर्म बदल दिया"

दरअसल, शिकायतकर्ता रामकली प्रजापति ने एफआईआर दर्ज कराई कि उसका भाई जो मानसिक रूप से बीमार था, उसको याची एक हफ्ते के लिए दिल्ली ले गया. उसने कहा कि इलाज कराकर गांव वापस ले आएंगे, लेकिन वापस नहीं आया. जब आया तो गांव के तमाम लोगों को दिल्ली में आयोजित आयोजन में ले गया, जहां उन्हें ईसाई धर्म में परिवर्तित कर दिया गया. इसके बदले शिकायतकर्ता के भाई को पैसे दिए जाते हैं. कोर्ट ने कहा कि संविधान धर्म प्रचार की छूट देता है, धर्म बदलवाने की अनुमति नहीं है. याची पर आरोप गंभीर हैं. गांव के तमाम लोगों को ईसाई बना दिया गया है. इसलिए अपराध की गंभीरता को देखते हुए याची कैलाश की जमानत याचिका खारिज की जाती है.

Advertisement
Featured Video Of The Day
हाथरस वाले बाबा का राजस्थान पेपरलीक कनेक्शन!