दिल्ली में हुआ वक्फ बचाओ सम्मेलन, वक्फ कानून के खिलाफ लंबी लड़ाई का ऐलान

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने नए वक्फ कानून को लेकर मंगलवार को दिल्ली के तालकोटरा स्टेडियम दिल्ली में वक्फ बचाओ सम्मेलन का आयोजन किया. इसमें वक्ताओं ने इस नए कानून के खिलाफ लंबी लड़ाई के लिए तैयार रहने का आह्वान किया.

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नई दिल्ली:

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मंगलवार को दिल्ली के तालकोटरा स्टेडियम में 'वक्फ बचाओ सम्मेलन' का आयोजन किया गया.इसमें मुस्लिम उलेमाओं के साथ-साथ कई राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए.इनमें एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी, राजद के प्रोफेसर मनोज झा और सपा के धर्मेंद्र यादव प्रमुख थे. सम्मेलन में शामिल हुए लोग वक्फ कानून के विरोध में अपने कंधे पर काली पट्टी बांधकर आए थे. सम्मेलन को संबोधित करने वालों ने कहा कि वक्फ कानून के खिलाफ शुरू हुई यह लड़ाई काफी लंबी है और इसे कानून के दायरे में रहकर ही लड़ना होगा. 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य महाराष्ट्र के परभणी निवासी रफीउद्दीन अशरफी ने कहा,''हमने सिर पर कफन बांध लिया है.उन्होंने कहा कि वक्फ कानून वापस लो, हम अपने सरों का नजराना देने के लिए तैयार हैं.

किसने किया मुगलों का महिमामंडन

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के इस सम्मेलन में मुगल और औरंगजेब का महिमामंडन किया गया. सिख धर्म के दयाल सिंह ने औरंगजेब की जमकर तारीफ की.उन्होंने कहा कि आज लोग बाबर और औरंगजेब से इनकार करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर मुगल सल्तनत का इतिहास खत्म कर दिया जाए तो सिख इतिहास भी खत्म हो जाएगा.उन्होंने कहा कि बाबर से लेकर औरंगजेब तक और गुरु नानक से लेकर गुरु गोविंद सिंह तक हमारा इतिहास मुगलों से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि माता सुंदरी जो गुरु गोविंद सिंह की पत्नी थीं, वह यही रहीं अगर औरंगजेब इतना क्रूर था तो वह यहां कैसे रह सकती थीं.उन्होंने कहा कि सिख धर्म के आठवें गुरु हरकिशन सिंह की मौत हुई तब औरंगजेब ने ही यमुना में उनके अंतिम संस्कार के लिए जगह दी.

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आयोजित वक्फ बचाओ सम्मेलन में भाग लेते असदुद्दीन औवैसी.

राजद के प्रोफेसर मनोज झा ने कहा कि गुस्सा वाजिब है. यह लड़ाई केवल मुसलमानों की नहीं है. उन्होंने कहा कि यह चुप रहने का वक्त नहीं है. उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी सरहद को पार कर नहीं गई, वह हमारे साथ है. दोनों को एक दूसरे को देखने की आदत है. यह लड़ाई जुल्म और इंसाफ की है. उन्होंने कहा कि अदालत ने न्यायालय ने भी राहत दी है. उन्होंने कहा कि उकसाने की कोशिश होगी उनसे सावधान रहने की जरूरत है.उन्होंने मिलकर लड़ाई लड़ने की जरूरत पर जोर दिया. 

सम्मेलन को संबोधित करते हुए शिया धर्म गुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि कई उंगलियां मिलकर घूंसा बन जाता है इसका इस्तेमाल फिरकापरस्त के खिलाफ करना है.उन्होंने कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग खोजते हैं, कब तक लड़ते रहेंगे. लखनऊ में हर मस्जिद में पुलिस आ रही है. उन्होंने पूछा कि 25 साल में इतने मंदिर कैसे बने? किसकी इजाजत और जमीन पर बने.

क्या वक्फ की संपत्ति पर कब्जे के लिए लाया गया है कानून

सम्मेलन को संबोधित करते हुए सपा सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि देश में वक्फ को लेकर जिस तरह की बात हो रही है उससे साफ है कि बीजेपी और सरकार को यह बर्दाश्त नहीं है कि उनके पास इतनी जमीन क्यों है.उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में हिन्दू समाज का बहुमत आपके साथ है आप अकेले नहीं हैं.

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नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से आयोजित वक्फ बचाओ सम्मेलन में भाग लेते लोग.

वहीं एआईएमआईएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बीजेपी ने 16 पेज का बुकलेट निकाला है.उन्होंने कहा कि 70 फीसदी वक्फ की जमीन पर कब्जा हो गया है. यह कानून वक्फ पर काबिज लोगों को मालिक बनाने के लिए लाया गया है. उन्होंने कहा कि सारे मुस्लिम लोग इसके खिलाफ हैं, इसका समर्थन कौन कर रहा है. मोदी मुसलमान से नफरत करते हैं. उन्होंने कहा कि वक्फ एक्ट को लेकर झूठ बोला गया है. मुस्लिम महिलाओं से कोई मोहब्बत नहीं है.उन्होंने कहा कि अब्दुल ने किसी यतीम खाने पर घर नहीं बनाया, लेकिन मोदी जी के दोस्त ने बनाया है.उन्होंने कहा कि अब्दुल गरीब इसलिए है कि उसपर जुल्म किया गया है.उन्होंने कहा कि यह कानून सिर्फ वक्फ के जमीन पर कब्जा करने के लिए है. ये लोग तमाशा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कानून इसलिए बनाया गया है जिससे आरएसएस के 100 साल पूरे होने पर उसे तोहफा दिया जा सके. उन्होंने कहा कि जब तक कानून वापस नहीं होगा तब तक लड़ते रहेंगे.

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आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रमुख मौलाना खालिद रहमानी सैफुल्ला ने कहा कि हमारी मस्जिदे वक्फ के दायरे से निकल जाएगी. यह कानून वक्फ की हिफाजत के लिए नहीं है.उन्होंने कहा कि मुखालफत हमारा जम्हूरी हक है, लेकिन सब कानून के दायरे में करें.उन्होंने कहा कि जो लोग आज शेरवानी पहने हुए हैं, वो जरूरत पड़ने पर कफन भी पहनेंगे. उन्होंने कहा कि यह लंबी लड़ाई है दूर तक और देर तक लड़ना है.

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