कोलकाता: उद्यमी अक्षय सतनालीवाला ने शायद ही कभी सोचा होगा कि एक उड़ान के दौरान रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पेपर नैपकिन पर एक प्रस्ताव देने के बाद रेलवे प्रशासन बिना समय गंवाए फौरन ही हरकत में आ जाएगा. एक अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि पूर्व रेलवे (ईआर) के महाप्रबंधक मिलिंद के देउस्कर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने यहां क्षेत्रीय मुख्यालय में सतनालीवाला से मुलाकात की और उनकी कंपनी की तरफ से माल ढुलाई के बारे में दिए गए सुझावों पर चर्चा की.
सतनालीवाला पश्चिम बंगाल में एक ठोस अपशिष्ट प्रबंधन कंपनी का संचालन करते हैं और वह इसके निदेशक हैं. वह ठोस अपशिष्ट को विभिन्न इलाकों में मौजूद इकाइयों तक पहुंचाने के सस्ते साधन के रूप में रेलवे का इस्तेमाल करना चाहते हैं. इसी प्रस्ताव पर उनकी रेल अधिकारियों के साथ चर्चा हुई.
रेलवे प्रवक्ता कौशिक मित्रा ने कहा कि सतनालीवाला ने छत्तीसगढ़ के रायपुर और ओडिशा के राजगांगपुर और अन्य इलाकों में विभिन्न उद्योगों में ठोस कचरे के योजनाबद्ध प्रवाह के बारे में बताया. इस पर पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक ने उनके समक्ष रेलवे के जरिये ठोस एवं अन्य अपशिष्ट ले जाने के लिए लचीली शर्तों की पेशकश की.
सतनालीवाला के लिए रेलवे को फौरन हरकत में आते हुए देखना किसी अचरज जैसा था. दरअसल उन्होंने कुछ दिन पहले ही एक उड़ान के दौरान रेल मंत्री को एक पेपर नैपकिन पर अपशिष्ट की रेल ढुलाई के बारे में प्रस्ताव दिया था. उस समय उनके पास नैपकिन के अलावा कोई दूसरा कागज ही नहीं था.
सतनालीवाला ने दो फरवरी को दिल्ली-कोलकाता की उस उड़ान के दौरान सौंपे गए नैपकिन पर लिखा था, ‘‘सर, आप अनुमति दें तो मैं यह प्रस्ताव रखना चाहूंगा कि सीमेंट संयंत्रों को एएफआर (वैकल्पिक ईंधन और कच्चे माल) की आपूर्ति श्रृंखला में रेलवे किस तरह अभिन्न अंग बन सकता है और प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान में भी योगदान दे सकता है.''
कोलकाता के युवा उद्यमी उड़ान में वैष्णव को अपना कारोबारी प्रस्ताव सौंपने में कामयाब रहे थे. उन्हें उस समय आश्चर्य हुआ जब कोलकाता हवाई अड्डे पर उतरने के छह मिनट के भीतर ही पूर्व रेलवे महाप्रबंधक कार्यालय से उनके पास फोन आ गया था. उन्हें प्रस्ताव पर चर्चा के लिए छह फरवरी को महाप्रबंधक कार्यालय बुलाया गया था.
इस मुलाकात में रेल अधिकारियों ने सतनालीवाला को सुगम परिवहन की प्रतिबद्धता के साथ एक से दूसरे स्टेशन तक अपशिष्ट की ढुलाई के शुल्क के बारे में प्रस्ताव पेश करने के लिए कहा है. सतनालीवाला इस मामले में रेल मंत्री और रेल अधिकारियों की त्वरित प्रतिक्रिया से काफी खुश हैं और उन्होंने इसके लिए धन्यवाद भी दिया है.
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